म्यांमार, बांग्लादेश के शरणार्थियों सहित संघर्षग्रस्त मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के बच्चों ने मिजोरम के स्कूलों में लिया दाखिला: शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते

Anupam Kumar
3 Min Read

मिजोरम : मणिपुर हिंसा के बाद म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों और संघर्षग्रस्त मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के 8,000 से अधिक बच्चे मिजोरम के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसकी जानकारी मिज़ोरम के शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते ने दी।

उन्होंने कहा कि करीब 8,119 बच्चों में से 6,366 छात्र म्यांमार से, 250 बांग्लादेश से और 1,503 मणिपुर से हैं।
उन्होंने कहा कि छात्रों को स्थानीय विद्यार्थियों की तरह मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ मध्याह्न भोजन भी मिल रहा है। आगे उन्होंने जोर देकर कहा कि मिजोरम सरकार इन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो (ज़ो जनजातियों) से हैं।

मालूम हो कि शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि मिजोरम सरकार दुनिया भर की ज़ो जनजातियों को एक मानती है। यह सिद्धांत हमारे शिक्षा क्षेत्र में भी परिलक्षित होता है। हमारी सरकार न केवल जरूरतमंदों को आश्रय बल्कि शिक्षा भी प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि 44 शरणार्थी बच्चों ने 2022 में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए पंजीकरण कराया था और उनमें से 31 इसमें शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि 31 छात्रों में से 28 ने 90.32 प्रतिशत के साथ बोर्ड परीक्षाओं में सफलता हासिल की है।

मंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान सरकारी स्कूलों में नामांकन लगातार बढ़ा है, जो सरकार द्वारा संचालित संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का एक सकारात्मक संकेत है।

उन्होंने कहा कि 2019-20 शैक्षणिक सत्र में छात्रों का कुल नामांकन 1,15,005 था, जो 2020-21 में बढ़कर 1,19,133 हो गया और 2021-22 शैक्षणिक वर्ष में बढ़कर 1,28,927 हो गया।

उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में मिज़ो भाषा सीखने को शामिल करने को प्राथमिकता देने के प्रयास चल रहे हैं। म्यांमार और बांग्लादेश से कुकी-चिन समुदाय के हजारों शरणार्थियों ने मिजोरम में शरण ली है।

फरवरी 2021 में पड़ोसी देश में सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार के नागरिक, ज्यादातर चिन राज्य से, मिजोरम भाग गए, जबकि बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स (सीएचटी) से शरण चाहने वाले पिछले दिनों एक जातीय विद्रोही समूह के खिलाफ सैन्य हमले के बाद राज्य में आए थे।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *