डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद में कोयला चोरी में पुलिस की संलिप्तता की सीबीआई जांच के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की खंडपीठ ने मामले में सीबीआई और प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की एसएलपी
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर को सीबीआई को इस मामले की प्रारंभिक जांच (पीई) करने और जरूरत पड़ने पर विस्तृत जांच का निर्देश दिया था। यह याचिका एक निजी समाचार चैनल के प्रमुख अरूप चटर्जी ने दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि धनबाद में सिंडिकेट के जरिए खदानों से बड़े पैमाने पर कोयला चोरी की जाती है। इस चोरी से मिलने वाली रकम पुलिस, राजनीतिक नेताओं और अपराधियों के बीच बांटी जाती है।
बीसीसीएल ने दर्ज की कई प्राथमिकी
याचिका में आगे कहा गया कि धनबाद में खनन करने वाली कंपनी बीसीसीएल ने कोयला चोरी से संबंधित कई प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों द्वारा इन मामलों को दबा दिया जाता था। किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती थी। प्रार्थी की ओर से भी उपयुक्त फोरम में शिकायत की गई थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग
याचिका में प्रार्थी ने तत्कालीन एसएसपी, डीएसपी और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। सिब्बल ने दलील दी कि प्रार्थी इस मामले में पीड़ित नहीं है और पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई की है। आरोप लगाया गया कि पुलिस को फंसाने के लिए ही प्राथमिकी दर्ज कराने का आवेदन दिया गया है।
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