मिरर मीडिया धनबाद : धनबाद में बढ़ रहीं आपराधिक घटनाओं से हम मुँह नहीं मोड़ सकते। आलम ये है कि पुलिस प्रशासन का भी खौफ नहीं है जो खुले आम रंगदारी की माँ करते भी नहीं हिचकते। हालांकि ये कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगी कि धनबाद के जेल में बंद गैंग और अपराधियों की संलिप्तता होने आपराधिक घटनाओं से ना जुड़ी हो। हालांकि धनबाद में होने वाली आपराधिक घटनाएं पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे ही होती रही है।
धनबाद के प्रतिष्ठित डॉक्टर समीर को मिली धमकी के बाद डॉक्टर से लेकर व्यवसाईयों तक में खौफ व्याप्त हो गया है।
इसी दिशा मे समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र ने अपराधों पे लगाम लगाने हेतु झारखंड के मुख्यमंत्री को ईमेल के द्वारा पत्राचार करते हुए कुछ सुझाव को अम्ल में लाने हेतु आग्रह किये हैं। जिसके अनुसार उन्होंने कारा एवं सेंट्रल कारा की तरफ ध्यानाकृष्ट कराया है कि
👉 सभी सेंट्रल कारा या कारा गृह या बाल सुधार गृह में भी एक स्कैनर डिजिटल कैमरा युक्त लैस आवंटित हो।
उसे मुख्य गेट पर लगाईं जाए कोई भी सब्जी मंडी की गाड़ी या खाद्ध पदार्थ की गाड़ी का सामान उस स्कैनर डिजिटल में जांच उपरांत ही अंदर जाए।
👉मुख्य द्वार के बाहर ही एक स्कैनर रूम भी बने। उसमें जांच पड़ताल होने के बाद ही अंदर जाए।
इन सुझाव को क्रियान्वयन में लाने का आग्रह करते हुए उन्होंन कहा कि इससे कोई भी वस्तु सुक्ष्म से सुक्ष्म चीजें भी कारावास या बाल सुधार गृह के अंदर नहीं जा पाएगी। और होने वाली संभावित आपराधिक घटनाओं पर लगाम लग सकता है।