डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को एक बार फिर झटका लगा है। झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने इस फैसले की जानकारी दी। इस खबर से सिंह मेंशन खेमे में मायूसी छा गई है।
91 महीने से जेल में बंद संजीव सिंह को हाईकोर्ट से था जमानत की उम्मीद
कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह के पति और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोप में पिछले 91 महीने से संजीव सिंह जेल में हैं। इस मामले में सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत की सुनवाई थी। धनबाद और आसपास के जिलों में लोग हाईकोर्ट के इस फैसले का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि इस हत्याकांड के अन्य तीन आरोपियों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला रखा गया था सुरक्षित
तीन दिन पहले हाईकोर्ट में जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने संजीव सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और 28 अक्तूबर को फैसला सुनाने का वक्त तय किया था। संजीव सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी और नवीन जायसवाल ने उनके साढ़े सात वर्ष से अधिक समय से जेल में होने का आधार पेश किया, लेकिन सूचक के अधिवक्ता आरएस मजूमदार ने जमानत का विरोध किया, जिससे अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
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