सम्मानित होने के बस कुछ देर पहले डॉ संजीव की जगह डॉ राजकुमार के नाम को किया गया प्रस्तावित

Anupam Kumar
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मिरर मीडिया :पिछले दिनों मुख्यमंत्री के हाथों मिलने वाले सम्मान के लिए जिले से डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ की लिस्ट मांगी गयी थी। जिसमें सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजीव कुमार प्रसाद के नाम का प्रस्ताव सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा की तरफ से भेजा गया था। सिविल सर्जन की सिफारिश के बाद राज्य सरकार से सम्मान के लिए चयनित हुए डॉक्टरों की लिस्ट में भी डॉ संजीव कुमार का नाम था। लेकिन अवार्ड सेरेमनी के ठीक पहले स्वास्थ्य विभाग ने डॉ संजीव कुमार के नाम को हटाने का फैसला लिया और उनके स्थान पर डॉ राजकुमार, डॉ होमा और विकास राणा को अवार्ड के लिए नामांकित किया गया।
बता दें कि डॉ संजीव कुमार के नाम का प्रस्ताव भेजते ही विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी। मामला राजधानी तक भी पहुंचा, वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मामले में ऐतराज जताया। सूत्र बताते हैं कि विभाग की तरफ से सिविल सर्जन से कोरोना काल में बेहतर काम करने वाले डॉक्टरों का लिस्ट नहीं भेजने पर सवाल पूछा गया। विभाग के ऐतराज के बाद सिविल सर्जन ने संजीव कुमार का नाम हटाकर 4 जुलाई को तीन डॉक्टरों के नामों की सिफारिश भेजी।
वहीं अब ऐन मौके पर संजीव कुमार का नाम क्यों कटा, डॉ राजकुमार का चयन कैसे हुआ, इसे लेकर अटकलों का दौर जारी है। कर्मचारी संगठनों के सोशल मीडिया ग्रुप में इसे लेकर काफी चर्चाएं चल रही है। हालांकि जब से मुख्यमंत्री के हाथों मिलने वाले इस सम्मान के लिए जिले से डॉ संजीव कुमार का नाम भेजा गया, तभी से सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा के इस फैसले पर विभाग के लोग हैरत में थे। सवाल सबसे बड़ा तो यही था कि आखिरकर पुरस्कार के लिए चयनित स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सक के उत्कृष्टता के लिए चयन का पैमाना क्या था? किस आधार पर डॉ संजीव कुमार का नाम भेजा गया था?

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