मिरर मीडिया : झारखंड में शराब सिंडीकेट अब ED के रडार पर आ चूका है। झारखंड में शराब व्यवसाय के तार छत्तीसगढ़ से जुड़ा है। तभी तो 2 हजार करोड़ की छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रिज्म होलोग्राम की भूमिका वाले मामले में झारखंड का भी जिक्र किया गया है। बता दें कि UP पुलिस ने छत्तीसगढ़ ED द्वारा PMLA की धारा 66(2) के तहत साझा की गई सूचना के अनुसार प्राथमिकी दर्ज की है।
फर्जी होलोग्राम को लेकर अब झारखंड भी रडार पर है और यहाँ भी आशंका जताई जा रही है इससे उत्पाद विभाग में हलचल मची हुई है।
नकली होलोग्राम के खेल में त्रिपाठी का नाम सामने आ रहा है। इसे छपने के लिए सीरियल की जानकारी अरुणपति त्रिपाठी द्वारा दी जाती थी। दरअसल सरकार के द्वारा निर्गत होलोग्राम की जानकारी त्रिपाठी के पास होती थी और त्रिपाठी के ही निर्देश पर दोबारा उसी नंबरों को छापा जाता था। जिससे अवैध नकली कारोबार धड़ल्ले से चलता रहें।
इस नकली होलोग्राम के कारण सरकार को 12 सौ करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार प्रिज्म होलोग्राम नामक कम्पनी झारखंड सहित अन्य राज्यों में भी होलोग्राम का कारोबार किया है। वहीं के प्राथमिकी में यह सूचित किया गया है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले ने प्रिज्म होलोग्राम की अहम् भूमिका है।