मिरर मीडिया : सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी को झटका देते हुए अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया है. सूत्रों कि माने तो इस फैसले से मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को बड़ा झटका लगा है। अमेजन ने इस सौदे को विभिन्न अदालतों में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपये के विलय सौदे पर रोक लगाने का सिंगापुर के आपात निर्णायक का फैसला भारतीय कानूनों के तहत वैध एवं लागू करने योग्य है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने इस वृहद सवाल पर गौर किया और फैसला दिया कि किसी विदेशी कंपनी के आपात निर्णायक (ईए) का फैसला भारतीय मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत लागू करने योग्य है अमेजन डॉट कॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल के बीच इस सौदे को लेकर विवाद था और अमेरिका स्थित कंपनी ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि ईए का फैसला वैध एवं लागू करने योग्य बताया जाए।
जानकारी दे दें कि अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने इमर्जेंसी आर्बिट्रेटर सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के फैसले को उचित बताया है। एसआईएसी ने अपने फैसले में आर्बिट्रेशन एंड कंसीलेशन एक्ट की धारा 17(1) के तहत इस सौदे पर रोक लगाई थी। अमेजन ने इस सौदे का विरोध यह कहते हुए किया कि यह फ्यूचर ग्रुप के साथ उसके समझौते के खिलाफ है। ई-कॉमर्स कंपनी ने इस सौदे को आर्बिट्रेशन कोर्ट के साथ ही साथ दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी। अमेजन का आरोप है कि फ्यूचर रिटेल ने प्रतिस्पर्धी रिलायंस रिटेल के साथ सौदा कर अपने समझौते को तोड़ा है।