जमशेदपुर : जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन की अध्यक्षता में यातायात व सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में डीएसपी ट्रैफिक कमल किशोर, एनएचएआई के प्रतिनिधि, उत्पाद विभाग, पथ प्रमंडल, रोड सेफ्टी की टीम, टाटा मोटर्स, बस एसोसिएशन तथा अन्य स्टेक होल्डर मौजूद रहे। बैठक में पिछले माह हुई सड़क दुर्घटनाओं, उनके कारण तथा कैसे दुर्घटनाओं पर रोकथाम लगाया जा सकता है इसकी गहन समीक्षा की गई। अप्रैल महीने में 22 सड़क दुर्घटनायें हुई, जिनमें 14 की मौत तथा 9 लोग घायल हुए। सभी दुर्घटना स्थल को लेकर पदाधिकारियों ने समीक्षा की। नेशनल हाईवे में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में वाहनों की तेज गति को प्रमुख कारण बताया गया। हिट एंड रन के 34 मामलों में अब तक 22 पीड़ित परिवारों को मुआवजा भुगतान किया जा चुका है, 12 प्रक्रियाधीन हैं। डीटीओ द्वारा जल्द से जल्द प्रक्रिया बढ़ाते हुए मुआवजा भुगतान का निर्देश दिया गया।
अप्रैल में 496 ड्राइविंग लाइसेंस संस्पेंड, करीब 40 लाख र वसूल गया जुर्माना
ट्रैफिक डीएसपी की अनुशंसा पर अप्रैल माह में 496 ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई। वहीं यातायात नियमों का उल्लंघन करते पकड़े गए लोगों से लगभग 40 लाख रूपए जुर्माना वसूला गया। डीटीओ द्वारा सभी प्रस्तावित स्थलों में सिग्नल अधिष्ठापन को लेकर जुस्को के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया।
जिले में चिन्हित 6 ब्लैक स्पॉट में से 4 पर पूर्ण रूप से सुरक्षा उपाय किए जा चुके हैं। शिक्षा विभाग को स्कूलों में गर्मी का अवकाश खत्म होते ही व्यापक जागरूकता अभियान चलाये जाने का निदेश दिया गया। एनएच व स्टेट हाईवे में ड्रंक व ड्राइव के कारण सड़क दुर्घटना नहीं हो इसके मद्दनेजर लाईन होटल व ढाबों में अवैध शराब बिक्री के विरूद्ध लगातार कार्रवाई किया जा रहा है। उत्पाद विभाग ने कुल 6 अभियोग दर्ज किया जिसमें 01 व्यक्ति को जेल भेजा गया है।
घायलों को सुनहरे घंटे में अस्पताल पहुंचाएं और नगद प्रोत्साहन राशि पायें
जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सहायता करने तथा सुनहरा घंटा (Golden Hour) में अस्पताल पहुंचाने में सहायता करने वाले नेक व्यक्ति (Good Samaritan) को प्रोत्साहित करने के लिए 5000/- रूपए तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान करने की योजना लागू है। उन्होने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करें, सुनहरा घंटा में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को चिकित्सीय उपचार मिल जाने से जान बचाई जा सकती है।