संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। सरकार ने 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने समेत 13 विधेयकों के जरिये अपने सुधार के एजेंडे पर आगे बढ़ाने की तैयारी की हुई है। वहीं, विपक्ष भी सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), दिल्ली बम धमाके और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की खराब स्थिति पर चर्चा की मांग कर सत्र को हंगामेदार बनाने के आसार जता दिए हैं।

सरकार को घेरने की पूरी तैयारी
इस बार सत्र के बेहद हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष ने एसआईआर यानी मतदाता सूची के विशेष संशोधन को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने साफ कर दिया कि अगर एसआईआर पर चर्चा नहीं हुई तो वे संसद की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहा है। साथ ही विपक्ष ने दिल्ली धमाका व प्रदूषण पर तत्काल चर्चा कराने की मांग उठाई।
सर्वदलीय बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा
इस सर्वदलीय बैठक में 36 राजनीतिक दलों के 50 नेता शामिल हुए। बैठक में सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, कोडिकुनिल सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन, समावादी पार्टी के राम गोपाल यादव, द्रमुक के तिरुचि शिवा और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए। सर्वदलीय बैठक के बाद रविवार शाम लोकसभा और राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठकें हुईं, जिनमें विपक्ष ने चुनाव सुधारों के व्यापक मुद्दे पर चर्चा की मांग रखी। सरकार ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस पर अपनी राय बताएगी।
इन विधेयकों को किया गया सूचीबद्ध
- सरकार ने शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए नौ आर्थिक विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें बीमा कानूनों में संशोधन करने वाला एक विधेयक और तंबाकू तथा पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर कर और उपकर लगाने से संबंधित दो अन्य विधेयक शामिल हैं। साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों का पहला बैच शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) के दौरान पेश किया जाएगा।
- आगामी सत्र के लिए संसद सदस्यों को भेजी गई विधेयकों की सूची के अनुसार, सरकार नई पीढ़ी के वित्तीय सुधारों के तहत बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के लिए बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करने की योजना बना रही है। अब तक बीमा क्षेत्र ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( एफडीआई) के माध्यम से 82,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है।
- इसके अलावा, केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 और ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। विधेयक में सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने का प्रावधान है, जो जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा।
- स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025′ पान मसाला पर लगने वाले मुआवजा उपकर की जगह लेगा। इसका मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए संसाधन बढ़ाना और उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर उपकर लगाना है, जिनसे निर्दिष्ट वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन किया जाता है।
- वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, और इसके साथ ही अलग-अलग दरों पर मुआवजा उपकर भी वसूला जाता है।
- इसके अलावा, प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यह विधेयक व्यापार में आसानी के लिए एक एकीकृत प्रतिभूति बाज़ार संहिता सुनिश्चित करेगा। जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए लाया जाएगा। यह विधेयक अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था और इसे एक चयन समिति को भेजा गया था, जिसे शीतकालीन सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
- शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले अन्य आर्थिक विधेयकों में दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025, मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025, राष्ट्रीय राजमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2025 और कॉर्पोरेट कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल हैं।

