2% कृषि बाजार टैक्स से बढ़ेगी महंगाई, नहीं है राज्य की जनता के हित में : व्यापारियों ने काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध : पढ़े खबर विस्तार से
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मिरर मीडिया : झारखंड सरकार द्वारा 2% कृषि बाजार टैक्स लगाने के विधेयक का व्यापारियों में काफी आक्रोश देखने को मिला है जबकि कृषि बाजार समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित व्यापारियों द्वारा काला बिल्ला लगाकर इसका विरोध जताया गया है।

वहीं कृषि बाजार समिति के उपाध्यक्ष ने बताया कि ये बिल ना तो आम जनता के हित में है ना व्यापारियों के और ना ही किसानों के हित में ही है। उन्होंने कहा कि अगर ये बिल सरकार नहीं लेती है तो मजबूरन हमें अपनी दुकाने बंद करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे ही महंगाई का बोझ सभी झेल रही है ऊपर से 2% अतिरिक्त टैक्स का बोझ सबका कमर तोड़ देगी।

वहीं अध्यक्ष ने बताया कि पिछले वर्ष भी झारखंड विधानसभा द्वारा इस बिल को पास कराया गया जिसका राज्यव्यापी आंदोलन और विरोध के बाद इसे निरस्त करा दिया गया। वहीं इस साल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन चुपके से बिना किसी विधायक के समझें बिना ही इसे पास करा लिया गया और राज्यपाल से भी इसे हस्ताक्षर करा लिया गया। उन्होंने कहा ये सरकार संवेदनहिन सरकार है।
इस बिल में कई खामियां बताते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल किसानों के संवर्धन के लिए है किसानों के विकास और उसके मंडियो के उन्नति के लिए है पर इस बिल के पहले ही लाइन में कृषि उत्पादन के साथ- साथ कृषि आयातीत वस्तुएं पर भी 2% टैक्स लिया जाएगा जो बेहद ही हास्यास्पद और समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि जो माल हमारे राज्य में उपज ही नहीं होता है यानी जो आसपास के प्रदेशो से आयात किया जाता है उसपर पहले ही वहां की सरकार टैक्स ले रही है और वही वस्तुओं पर फिर से दोबारा 2% का टैक्स लगाना कहीं से भी किसान के हित में नहीं है। जो किसान यहाँ उत्पादन नहीं कर रहा है आखिर उसपर भी तो ये बढ़ा हुआ टैक्स का असर होगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है जहाँ कोयला, लोहा और खनिज निकलती है यहाँ कृषि की जरूरतों का 90% से ज्यादा वस्तुएं दूसरे राज्य की मंडियो से आता है। जिसपर 2% टैक्स लगने से अतिरिक्त महंगाई हो जाएगी जिसका असर यहाँ की जनता पर ही पड़ेगी। और अंततः GST पर भी इसका असर पड़ेगा। वहीं सदस्यों का कहना है कि इससे भ्रष्टाचार और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा।