वर्चस्व की लड़ाई में फिर चली गोली : अवैध कोयले का काला खेल : किसका मिलता है संरक्षण और किसका है मेल
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मिरर मीडिया : धनबाद में कोयले का अवैध कारोबार इतना वृहद पैमाने में फैला हुआ है कि रोजाना राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व की क्षति होती है। जबकि कारोबार अवैध और उसमें भी वर्चस्व की कायम करने की लड़ाई आए दिन देखने को मिलता है।
विभाग, प्रशासन और सरकार लगातार इसपर कार्रवाई कर रही है पर बावजूद इसके कोयले का काला खेल अपने चरम पर है। इसके साथ ही वर्चस्व की लड़ाई में गोलीबारी, बमबाजी की घटना में और खूनी संघर्ष जारी है। आलम ये है कि बेखौफ़ होकर प्रशासन के नाक के नीचे अवैध कारोबार डंके की चोट पर होता है।
इसी क्रम में बीते रात धनसार क्षेत्र के मनईटांड़ न्यू क्वार्टर में वर्चस्व स्थापित करने के लिए कोयला तस्करों के दो गुटों में भिड़ंत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक गुट के छोटू ओझा ने गांधी रोड के अमिताभ सिंह को गोली मार दी। जिसके बाद उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
खबर के अनुसार उक्त क्षेत्र में थाना और सीआइएसएफ की मिलीभगत से वाहनों के जरिये चोरी किया गया कोयला बाहर भेजा जाता है। लिहाजा शामिल दोनों गुट अपना वर्चस्व स्थापित करने में लगे हैं। विदित हो कि एक महीने के भीतर तीन बार तस्करों के बीच टकराव हो चुका है। फायरिंग के अलावा वाहनों में तोड़फोड़ की भी घटना हुई है। पर ना तो इसपे लगाम लगाया जा रहा है ना ही कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बेधड़क गोलिबारी की घटना को अंजाम देना और कार्रवाई ना होना पुलिस प्रशासन की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन अगर सख़्ती से पेश आए तो इसपर लगाम लगाना कोई बड़ी बात नहीं होगी। आखिर संरक्षण की आड़ में ही तस्कर खुलकर अवैध कारोबार कर रहें हैं।