Bihar: पशुपति पारस अकेले लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव, महागठबंधन में सीटों पर नहीं बनी बात

Neelam
By Neelam
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राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने आगामी अकेले बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। महागठबंधन के साथ बात नहीं बन पाने के बाद पशुपति कुमार पारस ने अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया है।

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने पुष्टि की कि उनकी पार्टी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने का फैसला किया है, जो 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने वाला है, और उन्हें पहले चरण में अच्छी संख्या में सीटें जीतने की उम्मीद है। एएनआई से बात करते हुए, पारस ने कहा कि विपक्षी महागठबंधन के साथ गठबंधन बनाने के प्रयासों के विफल होने के बाद यह निर्णय लिया गया।

महागठबंधन के साथ नहीं हो सका गठबंधन

पशुपति पारस ने कहा कि 2005 में हमारी पार्टी ने अकेले ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था। 29 सीटों पर हमलोग जीते थे। इस बार भी हम लोगों ने महागठबंधन के साथ गठबंधन करने का प्रयास किया। लेकिन, कुछ कारण वश ऐसा नहीं हुआ। हमारा संगठन पूरे बिहार में है। हमारा दलित सेना पूरे बिहार में है। इस बार हमारी पार्टी ने फैसला किया कि हम लोग अकेले चुनाव लड़ेंगे।

पहले चरण के लिए 33 प्रत्याशी उतारे

आरएलजेपी के प्रमुख ने कहा किपहले चरण में हम लोगों ने 33 अपने कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाया। इसमें छह महिलाओं को टिकट दिया है। हम लोगों ने बिहार के जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखना है। मुझे उम्मीद है की प्रथम चरण के चुनाव परिणाम में हमारी संख्या काफी अच्छी रहेगी। 

महागठबंधन सीट बंटवारे को लेकर आखिरी समय तक खींचतान

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में शुक्रवार को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तिथि होने के बावजूद महागठबंधन के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। महागठबंधन से कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी रही जिसने आधिकारिक तौर पर अपनी सूची जारी करते हुए 48 उम्मीदवारों की घोषणा की। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) जैसे अन्य सहयोगी दलों ने औपचारिक सूची जारी किए बिना आखिरी समय तक चुनाव चिन्हों का वितरण जारी रखा। 

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