बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण के लिए रविवार शाम चुनावी शोर थम गया है। अब राज्य में किसी भी राजनीतिक दल को रैली या जनसभा करने की अनुमति नहीं होगी। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर (मंगलवार) को होगा। इस चरण में 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
दूसरे चरण में 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं — जिनमें 1165 पुरुष, 136 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार शामिल हैं। कुल 3 करोड़ 70 लाख 13 हजार 556 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के लिए 45,399 बूथ तैयार किए गए हैं, जिनमें 40,073 ग्रामीण और 5326 शहरी बूथ शामिल हैं। सभी बूथों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है ताकि निगरानी कड़ी रखी जा सके।
इस चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें गया, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं। इनमें से करीब सात जिले (पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज) भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हुए हैं।
इसी वजह से दूसरे चरण में सुरक्षा के और भी कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। बिहार के डीजीपी के अनुसार, इस चरण के लिए 1650 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सील कर दिया गया है और सीमावर्ती इलाकों में चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं।
इससे पहले 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ था, जिसमें 65.08 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई — जो बिहार के चुनावी इतिहास में अब तक की सबसे अधिक मतदान दर रही है।
अब सभी निगाहें 11 नवंबर के मतदान पर टिकी हैं, जो बिहार की सियासत की दिशा तय करेगा।

