स्कूल में बिना टीका लिए छात्रों की नो इंट्री के आदेश पर रोक लगाने की मांग, अभिभावक संघ ने सौंपा ज्ञापन

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : कोविड 19 वैक्सीन नहीं लेने वाले 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों की स्कूल में नो इंट्री के अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम गढ़ द्वारा दिए गए आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर जमशेदपुर अभिभावक संघ ने अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली और मुख्यमंत्री, झारखंड सरकार से की है। उन्‍होनें पत्र के माध्‍यम से कहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार के आदेश में इसकी अनिवार्यता जैसी कोई भी जिक्र नहीं है, वहीं केन्द्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को बताया जा चुका है कि कोविड 19 टीका दिए जाने को अनिवार्य नहीं बताया है। यानी वैक्सीनेशन व्यक्ति के विवेक पर निर्भर करता हैं। वहीं कानूनी नजरिए से देखें तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में राइट टू हेल्थ केयर का विकल्प दिया गया है जिसके आधार पर अपने लिए स्वेच्छा से बेहतर स्वास्थ्य विकल्प का चयन कर सकते हैं।

बावजूद संघ को ज्ञात हुआ है कि अनुमंडल पदाधिकारी, धालभूम गढ़, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर द्वारा 15 से 18 आयु वर्ग के वे बच्चें जो वैक्सीन नहीं लेंगे उन बच्चों को स्कूल में इंट्री नहीं देने के आदेश दिए हैं। अनुमंडल पदाधिकारी का यह आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का खुला उल्लंघन है जबकि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण विरोधी होमियोपैथिक दवा के नाम बताएं गए है ऐसे में छात्र वैक्सीन की जगह होमियोपैथिक दवा की पूरी खुराक खाकर स्कूल आते हैं तब भी उन्हें स्कूल में इंट्री नहीं दी जाएगी ? बच्चों को स्कूल में इंट्री न देना शिक्षा पाने के उनके मौलिक अधिकार का हनन भी होगा। जमशेदपुर अभिभावक संघ ने वैक्सीन नहीं लेने पर छात्रों को स्कूल में इंट्री नहीं देने जैस अनुमंडल पदाधिकारी, जमशेदपुर द्वारा दिए गए आदेश पर रोक लगाने व किसी पर भी वैक्सीनेशन के लिए दबाव नहीं देने का आदेश देने की मांग की है।

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