सिलकोसिस से मजदूरों की जिंदगी दूभर, धालभूमगढ़ में फिर एक की मौत, पत्थर कारखाना में करता था काम

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : सिलकोसिस ने पत्थर तोड़ने वाले मजदूरों की जिंदगी दूभर कर दी है। बीती रात फिर एक मजदूर ने सिलिकोसिस बीमारी से दम तोड़ दिया। धालभूमगढ़ के पानीजिया गांव के पत्थर कारखाना में काम करने वाले मजदूर सनातन गोप की मौत सिलिकोसिस से हो गई। इसकी सूचना मिलने के बाद उप प्रमुख सपन महतो पानीजिया गांव पहुंचकर मृतक सनातन गोप के परिवार वालों से मिलकर जानकारी ली।उन्होंने ग्रामीणों से इस बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा किया। मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान कमल गोप ने बताया कि गांव के दर्जनों मजदूर कृष्णा व कृष्णा के सफेद कारखाना में काम करने लगे हैं। काम करने वाले मजदूरों को चिकित्सा मुहैया नहीं कराया गया। इलाज अपने स्तर से कराते रहे। इसी दौरान 2013-14 से 22 तक खुली गोप, अभिमन्यु गोप, मनोरंजन गोप, साधन दास के साथ जोड़शोल गांव के एक महिला की सिलकोसिस से मारे जाने की सूचना प्राप्त हुई। उप प्रमुख सपन महतो ने मामले की जानकारी बीडीओ व सीओ को दूरभाष में दे दी है। बहुत जल्द इन मामलों को लेकर प्रखंड प्रशासन के साथ बैठक की जाएगी। बताया जा रहा है कि सरकारी चिकित्सकों ने उसे टीबी बताकर इलाज किया, लेकिन उनकी हालत सुधरी नहीं। जबकि सनातन गोप समेत पानीजिया के छह पीड़ित फुलमणि गोप, लक्ष्मी गोप, पंचमी गोप, सरला गोप की मानिटरिंग कर रही संस्था को ओसाज के महासचिव सुमित कुमार ने सनातन गोप की मौत का कारण सिलकोसिस बताया। महासचिव ने बताया कि उन्होंने सभी पीड़ित को जमशेदपुर आने को कहा तथा सिलकोसिस की जांच कराने को कहा, लेकिन मजदूर इलाज कराने से कतरा रहे हैं। इस कारण विगत पांच वर्षो में पानीजिया गांव से छह लोगों की मौत सिलकोसिस के कारण हो गई। वे सभी लोग उक्त पत्थर कारखाना में कार्य कर रहे थे।

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