झारखंड में अवैध खनन का कारोबार पर ED का शिकंजा : ओहदे का दुरूपयोग करते पदाधिकारी, कर्मी और राजनेता

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मिरर मीडिया : ED का जैसे जैसे शिकंजा कसता जा रहा है वैसे वैसे कई आश्चर्य करने वाले चेहरे सामने आते जा रहें है। निलंबित आईएएस पूजा सिंघल ए CA के पास मिले करोड़ों रूपये ये साफ दर्शाता है कि ऊपर से नीचे तक मिलीभगत के बिना ये संभव नहीं है। फिर बड़े बड़े अधिकारीयों और राजनेताओं इससे कैसे अछूता रहते। हालांकि इस प्रकरण में सत्ता दल पर जरूर सवालिया निशान लग गया है फिर विपक्ष कहाँ पीछे रहती उन्हें तो मानो बोलने का मौका मिल गया हो। इस बाबत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने भी राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कसर नहीं छोडी कि झारखंड में तंत्र पर भ्रष्टाचार पूरी तरह हावी हो चुका है। राज्य में चारो तरफ भ्रष्टाचार की दुर्गंध आ रही। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार पड़ रहे ईडी की छापेमारी से कई चेहरे बेनकाब हुए है।

उन्होंने हेमंत सरकार के साथ सत्ता दल की सहयोगी पार्टी कांग्रेस और राजद को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि आज झारखंड भ्रष्टाचार से शर्मशार हुआ है। ईडी के छापे में एक आईएएस के ठिकाने से 17.5 करोड़ रुपये नकद मिलना,200 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज बरामद होना, यह बता रहा कि इसमें झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार पूरी तरह शामिल है।

हालांकि इस ताबड़तोड़ छापेमारी में अब तो रोज नए नए मामले उजागर हो रहे। जिसमें पलामू के उपायुक्त शशिरंजन का भी नाम शामिल है। पलामू के उपायुक्त ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने संबंधियों को खनन पट्टे स्वीकृत किये। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेसर्स जय माँ विंध्यवासिनी स्टोन फर्म के नाम पर पलामू जिला के मौजा शाहपुर,थाना नौडीहा बाजार,थाना संख्या 380 खाता संख्या 72 प्लाट नंबर 295, 297, 299, 300, 302, 304 एवं 306 कुल रकबा 4.17 एकड़ में पत्थर खनन, क्रशर प्लांट, स्टोन चिप्स एवम डस्ट के लिये जो लीज आवंटित की गई है उसमे अंजना चौरसिया पति अजय कुमार, नमक गोला, जय मुहल्ला ,जिला बक्सर का भी नाम है। इतना ही नहीं इसके अलावा मेसर्स प्राइम स्टोन से जुड़ी स्नेहा कुमारी बड़ी दरियापुर,जिला मुंगेर का भी नाम प्रकाश में आया है।

इधर साहिबगंज, पलामू एवं दुमका के जिला खनन पदाधिकारी की भी संलिप्तता शामिल होने का अंदेशा ED को है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान ईडी को खनन क्षेत्र में गड़बड़ी और इससे होने वाली आमदनी की लिखित शिकायत की गई थी जिसके बाद ईडी द्वारा जिले के खनन पदाधिकारियों को 16 मई को हाजिर होने के निर्देश दिए थे।

मामला खुला तो दूर तलक जाएगी है पहले रांची, पलामू और अब गढ़वा। अशोक कुमार गढ़वा जिला में खनिज निगम के प्रोजेक्ट अधिकारी ने गढ़वा के चिनिया प्रखंड में अपनी पत्नी विद्या शर्मा के नाम 8.47 एकड़ में खान आवंटित करा लिया। हालांकि अब ये एक दिन की भ्रष्ट कहानी नहीं है इसकी शुरुआत तो सालों पहले ही हुई होगी। भ्रस्टाचार का अभूतपूर्व इतिहास पिछले 27 महीनों में रचा गया। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री,सचिव,उपायुक्त, डीएमओ, सहित अनेक पदाधिकारी जांच के घेरे में हैं।

ED का दायरा बढ़ते बढ़ते जाने माने नए चेहरों के जुड़ने से नए खुलासे भी होते जा रहें है। तब सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कभी करीबी रहे रवि केजरीवाल कैसे पीछे रहते है उनसे भी जवाब तलब किया गया। बता दें कि रवि केजरीवाल झामुमो के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि इनका भ्रष्ट आइएएस पूजा सिंघल से क्या कनेक्शन है। यह कहना अतिश्योक्ति ही होगी।

कुछ कहें पर झारखंड में अवैध खनन का कारोबार बड़े से बड़े पैमाने पर हो रहा है सूत्रों की मानें तो राज्य में अवैध खनन का कारोबार करीब 4000 करोड़ से भी अधिक का है इस असंगठित कारोबार को अधिकारियों की मिलीभगत से संगठित तरीके से अंजाम दिया जाता है अवैध खनन के कारोबार का सटीक आंकड़ा निकालना मुश्किल है पर मामला कितना बड़ा होगा और इसकी जद में कौन-कौन आएगा यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

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