पंचायत चुनाव के पहले चरण में ही दिखा बदलाव : पुराने मुखिया को लोगों ने दिखाया बाहर का रास्ता : नए को मिला मौका

mirrormedia
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टुंडी एवं तोपचांची प्रखंड में नए प्रत्याशियों ने मुखिया का पद जीता

मिरर मीडिया : पंचायत चुनाव के पहले चरण में ही बदलाव नजर आ रही है। इस बदलाव में अधिकांश मुखिया अपनी कुर्सी गंवा बैठे है। नए और युवा उम्मीदवारों पर गांव के लोगों ने भरोसा जताया है। आलम ये है कि लोगो ने नए प्रत्याशियों को इस बार दिल खोलकर आशीर्वाद दिया। और पुराने मुखिया को बाहर का रास्ता दिखाते हुए लोगों ने नए को मौका दिया है।

बदलाव सबसे अधिक टुंडी एवं तोपचांची प्रखंड में हुआ। टुंडी में सात एवं तोपचांची में पांच पंचायतों के मुखियों के सभी सीटों पर परिवर्तन हुआ। सभी पंचायतों में लोगों ने पुराने मुखियों को खारिज कर दिया। बदलाव की इस बयार में कई दिग्गज बह गए। टुंडी के जीतपुर पंचायत से पहली बार इंद्रलाल बास्की चुनाव जीते हैं। जीतपुर के अलावा मछियारा, मनियाडीह, जाताखुंटी, फतेहपुर, पुरनाडीह एवं कोल्हर पंचायत में सभी सीटिंग मुखिया चुनाव हार गए हैं।

टुंडी प्रखंड में भी अधिकांश ने नए चेहरे को दिया मौका

पूर्वी टुंडी में उकमा पंचायत से सुनीता हेम्ब्रम अपनी सीट बचाने में सफल रही हैं। इधर मायरा नावाटांड पंचायत के मुखिया विपिन कुमार दां अपनी पत्नी खोमा मोदक को चुनाव जीताने में सफल रहे हैं। महिला आरक्षित सीट होने के कारण विपिन इस बार चुनाव मैदान में नहीं थे। वैसे विपिन दा की तरह चुरूरिया पंचायत के मुखिया की किस्मत अच्छी नहीं रही। वहां सीटिंग मुखिया की पत्नी गीता देवी चुनाव हार गईं। इधर रघुनाथपुर पंचायत में सीटिंग मुखिया इस बार खुद मैदान से बाहर थे। इस कारण वहां भी लोगों ने नए प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है। पूर्वी टुंडी में इस बार चुरूरिया, मोहलीडीह, रुपण के मुखिया अपनी सीट बचाने में सफल नहीं हो सके। तीनों जगहों पर लोगों ने नए लोगों को समर्थन दिया है।

तोपचांची में भी अधिकांश सीटों पर जनता नहीं नए चेहरों को दिया मौका

तोपचांची में जीतपुर, विशनपुर, कोरकोट्टा, पावापुर एवं हरिहरपुर पंचायत के मुखिया अपनी सीट नहीं बचा सके हैं। पांचों सीटों पर जनता ने नए लोगों को मौका दिया है। सबसे खराब स्थिति हरिहरपुर पंचायत के सीटिंग मुखिया दिनेश बरनवाल की रही। महिला आरक्षण के कारण अपनी सीट पर उन्होंने अपनी पत्नी को उतारा था और खुद वार्ड सदस्य का चुनाव लड़े थे। पति-पत्नी दोनों यहां चुनाव हार गए।

हालांकि तोपचांची में बदलाव के बावजूद आनंद महतो ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्होंने पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में हैट्रिक मारी है। पहले दिन के चुनाव परिणाम से पहले से उम्मीद लगाए सभी मुखियों की नींद उड़ गई है। अधिकांश सीटिंग मुखियों पर हार का खतरा मंडरा रहा है।

मतगणना की गति पहले दिन काफी धीमी रही। सुबह करीब साढ़े आठ बजे से मतगणना शुरू हुआ लेकिन पहला परिणाम सुबह करीब साढ़े ग्यारह को आया। रात करीब साढ़े आठ बजे तक करीब डेढ़ दर्जन मुखिया एवं चार दर्जन वार्ड सदस्यों का ही परिणाम जारी हो सका। वहीँ जिला परिषद सदस्यों के वोटों की गिनती भी नहीं हो सकी। अब दूसरे दिन एक बार फिर वोटों की गिनती शुरू हुई है। आज सभी सीटों के परिणाम घोषित कर दिए जाने की उम्‍मीद है।

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