जमशेदपुर। जेएनएसी अधिसूचित क्षेत्र समिति शहर का 3डी मैपिंग सर्वे कराएगी। यह सर्वे ड्रोन से किया जाएगा। इस सर्वे पर फिलहाल एक करोड़ 98 लाख 24 हजार रुपये खर्च होंगे। सर्वे के लिये एजेंसी का चयन कर लिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद शहर का पूरा खाका जेएनएसी के कंप्यूटर पर होगा. इस योजना का बुधवार को सांसद विद्युत वरण महतो और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने साकची स्थित जेएनएसी के परिसर में शिलान्यास किया। सर्वे से यह पता चल जाएगा कि कहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है. कितनी सरकारी जमीन खाली है. कहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. सर्वे होने के बाद सरकारी जमीन को खाली कराने का अभियान चलाया जाएगा. साथ ही जिस जगह पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, उसे भी ठीक किया जाएगा। जेएनएसी को सड़क, नाली सामुदायिक भवन, पार्क आदि के लिये योजना तैयार करने को इलाके का भौतिक सर्वे करना पड़ता है. 3डी मैपिंग सर्वे होने के बाद यह पता चल जाएगा कि शहर में कहां सड़क की जरूरत है. कहां नाली की जरूरत है. कहां जलभराव हो रहा है. कहां ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत किया जाना है. इस तरह जेएनएसी को विकास की योजनाएं बनाने में आसानी होगी। थ्री डी मैपिंग सर्वे में शहर की इमारतों का पूरा खाका होगा. कौन सी इमारत कितने मंजिल की है. इसका एचडी वीडियो जेएनएसी के पास होगा. समय-समय पर जेएनएसी यह सर्वे कराती रहेगी. इससे पता चल जाएगा कि किस इमारत में नक्शा विचलन हुआ है. नक्शे का उल्लंघन करते हुए कितनी मंजिला इमारत बनाई गई है. 3 डी मैपिंग सर्वे के बाद बिल्डरों पर शिकंजा कसने में आसानी होगी। अभी जुस्को का दावा है कि जमशेदपुर में 27% हरियाली है. 3डी मैपिंग सर्वे के बाद यह साफ हो जाएगा कि जुस्को का दावा सही है या नहीं. सर्वे से यह पता चल जाएगा कि जमशेदपुर में कितनी हरियाली है और उसके बाद यहां ग्रीनरी को बढ़ाने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी।