जमशेदपुर : जिला उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। जिसमें धालभूम अनुमंडल के चार प्रखंड पटमदा, बोड़ाम, जमशेदपुर सदर व पोटका के उच्च विद्यालय के सभी प्रधानाचार्य व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी उपस्थित रहे। दसवीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षा 2022 की समीक्षा के क्रम में वैसे स्कूल जहां 10 % व उससे अधिक बच्चे फेल हुए, उनमे 14 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया। साथ ही परीक्षा में फेल हुए बच्चों को पुन: विद्यालय में बुलाकर स्पेशल कोचिंग देने का निर्देश दिया गया। जिले में इस वर्ष 826 बच्चे फेल हुए हैं। जिला उपायुक्त ने सख्त निर्देश दिए कि इनमें से कोई भी बच्चा ड्रॉपआउट नहीं होना चाहिए, दो दिनों के अंदर सभी प्रधानाध्यापक बच्चों को विद्यालय में बुलाकर उनका रेमेडियल कक्षा संचालन सुनिश्चित करेंगे। मैट्रिक परीक्षा में 92 फीसदी परीक्षाफल हुआ है, शत प्रतिशत बच्चों का वर्ग 10 से वर्ग 11 में ट्रांजिशन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। जिले में जितने भी +2 के विद्यालय हैं उनमें आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस संकाय में न्यूनतम 75 नामांकन आवश्यक रूप से करने तथा स्कूल ऑफ एक्सेलेंस व लीडर विद्यालयों में न्यूनतम 150 बच्चों के नामांकन का सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया, ज्यादा नामांकन करने वाले विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा।

प्रतिमाह विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक 25 तारीख को आयोजित कर उसके विवरण ई विद्या वाहिनी में अपलोड किया जाना है, लेकिन 25 जून की बैठक की कार्रवाई के ई विद्यावाहिनी में अपलोड की स्थिति की समीक्षा करने पर पाया गया कि 50 से 60% विद्यालय के द्वारा ई विद्या वाहिनी में एंट्री नहीं किया जा रहा है। जिला उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि इसे प्रत्येक माह बैठक के 3 दिनों के अंदर अपलोड किया जाए अन्यथा संबंधित शिक्षक के वेतन में कटौती की जाएगी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के विरुद्ध भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

जिला उपायुक्त द्वारा ई विद्या वाहिनी में केवल 478 विद्यालयों के द्वारा बच्चों की हाजिरी बनाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई। निर्देश दिया गया कि सभी विद्यालयों में दो दिनों के अंदर सभी छात्रों की उपस्थिति ई विद्या वाहिनी से प्रतिदिन दर्ज की जाए, ऐसा नहीं होने पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक का वेतन अगले आदेश तक स्थगित रहेगा, साथ ही संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का वेतन भी स्थगित रहेगा। ससमय प्रतिवेदन अध्ययन नहीं करने के कारण प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पोटका व पटमदा का वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया गया।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में दो दिनों के अंदर सभी चयनित बच्चों का नामांकन कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया। जिला उपायुक्त ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अनुशासन, साफ-सफाई व पढ़ाई में रुचि विकसित करने पर भी आवश्यक कार्रवाई करें। सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी व प्राचार्यों को निर्देश दिया गया कि 2 दिनों के अंदर मध्यान्ह भोजन योजना के लिए चावल का उठाव गोडाउन से करना सुनिश्चित करेंगे। एमडीएम के लिए बच्चों के बैठने के लिए दरिया टाट की व्यवस्था करेंगे, बच्चे किसी भी परिस्थिति में जमीन पर नहीं बैठने चाहिए।
‘प्रयास कार्यक्रम’- पिछले दो-तीन साल पूर्व तक प्रयास कार्यक्रम विद्यालयों में सुचारू रूप से संचालित होता था। जिला उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रयास कार्यक्रम के तहत जो बच्चे लगातार विद्यालय नहीं आ रहे हैं या अनुपस्थित रहते हैं उन्हें विद्यालय में लाना है । तीन दिनों के अंदर सभी विद्यालयों में हाउस का गठन करना है व हाउसवाइज पंजी संधारित करना है। जिला उपायुक्त ने कहा कि रेमेडियल कक्षा के संचालन पर विशेष जोर दिया जाए, प्रत्येक माह इसका मूल्यांकन किया जाएगा। बैठक में उपस्थित सभी प्राचार्यों को उनकी विशेषज्ञता वाले विषय में 5-5 प्रश्न पत्र बनाने का निर्देश दिया गया।