मिरर मीडिया : आज विजयादशमी के साथ शारदीय दुर्गा पूजा का समापन हो जाएगा। आदिशक्ति माँ के नौ रूप की नौ दिनों में पूजा, अर्चना के बाद आज दसवां दिवस में विजयादशमी या दशहरा महापर्व बुधवार को धूमधाम से मनाया जाएगा।और माता की प्रतिमा का विसर्जन के साथ त्यौहार का समापन हो जाएगा। अश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को माँ दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी जिसके बाद इस विजयी के साथ विजयादशमी मनाया जाता है। वहीं भगवान राम ने भी इसी दिन रावण का वध किया था असत्य पर सत्य की जीत हासिल की थी। हमें भी अपने अंदर के अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या, लालच, बेईमानी रूपी रावण का आज संहार करना चाहिए।
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

धनबाद में हालांकि इस बार बारिश ने परेशान जरूर किया है पर लोगों के उत्साह पर पानी नहीं फेर सकी देर रात तक महानवमी में लोगों की भीड़ देखते बनी। बैंक मोड़, पुराना बाजार, झारखंड मैदान या हाउसिंग कॉलोनी हो सभी जगह माता के दर्शन के साथ भव्य पंडालों को देखने की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं आज विजयदशमी है धनबाद में एक-दो नहीं, आठ जगहों पर रावण दहन होगा। कहीं छह-सात वर्षों से तो कहीं 67 वर्षों से रावण दहन कार्यक्रम होता आया है। सिंदरी में रावण दहन का कार्यक्रम सबसे पुराना है।

धनबाद के सिंदरी में जिले का सबसे भव्य रावण दहन कार्यक्रम होता है। इधर वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लगातार दो वर्ष तक सिंदरी के अलावा झरिया के कांड्रा, पाथरडीह, मोहन बाजार, भौंरा और बलियापुर में रावण दहन महोत्सव नहीं हो सका था। सिंदरी के साथ ही मोहन बाजार पाथरडीह में लगभग 35 वर्षों से, कांड्रा में 40, भौंरा में 40 वर्ष, बाघमारा में 30, परसबनिया में 25, प्रधानखंता में 30 और धनबाद क्लब में पिछले छह वर्षों से रावण दहन कार्यक्रम होता आ रहा है।

कांड्रा मजदूर हाई स्कूल मैदान में लगभग 35 फीट का रावण का पुतला दहन होगा। यंग एसोसिएशन मोहन बाजार पाथरडीह की ओर से भी आतिशबाजी के साथ रावण दहन किया जाएगा। बलियापुर के कलाकारों ने 40 फीट के रावण पुतला बनाया है। भौंरा गौरखूंटी मैदान में भी रावण दहन की तैयारी है। यहां 40 फीट ऊंचा रावण जलेगा। बाघमारा, परसबनिया व प्रधानखंता दुर्गा मंदिर प्रांगण में भी विजयादशमी के अवसर शाम को पूजा कमेटी की ओर से रावण दहन कार्यक्रम होगा।