धान की खेती को तकनीक का उपयोग कर बनाया मुनाफे का सौदा, जानिए युवा प्रगतिशील किसान हरेलाल सोरेन की सफलता की कहानी

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : मुसाबनी प्रखंड के कुईलीसुता पंचायत के लाटिया गांव निवासी हरेलाल सोरेन एक युवा किसान है। 12वीं तक पढ़े हरेलाल सोरेन पिछले 6 सालों से अपनी पुश्तैनी जमीन में धान की पंरपरागत खेती करते आ रहे हैं जिसमें तकनीक का उपयोग कर पहले के मुकाबले अब उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। हरेलाल बताते हैं कि धान के खेती की तकनीकी जानकारी आत्मा के प्रसार कर्मी से मिला जिसके बाद उन्होने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके अलावे सब्जी की खेती जैसे बैगन, टमाटर व अन्य मौसमी सब्जी तथा दलहन-तिलहन की खेती भी वे साल भर करते हैं जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ हुई है। हरेलाल बताते हैं कि अब धान की खेती के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती कर सलाना लगभग 2 लाख रूपए से ज्यादा की आमदनी कर रहे हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-दलहन योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में सरसों की खेती करने का सुझाव आत्मा के प्रसार कर्मी ने हरेलाल सोरेन को दिया। हरेलाल करीब 2 एकड़ जमीन में खेती कर रहें है जिसमें धान, सब्जी व सरसों की खेती किया हैं। सरसों का बीज 50 डिसमिल में उन्होने लगाया जिससे उन्हें साग की बिक्री से 5,000 रूपए से ज्यादा का मुनाफा हुआ। साथ ही 2 क्‍वींटल से ज्यादा सरसों का उपज प्राप्त हुआ। कम पानी व नमी वाले क्षेत्र में सरसों का अच्छी उपज हो जाती है। खेती-किसानी से जुड़े अन्य तकनीकी जानकारी भी किसानों को आत्मा के प्रसार कर्मी द्वारा समय समय पर दिया जाता है।

हरेलाल सोरेन ने कहा कि कि आत्मा के प्रसार कर्मी से समय-समय पर फोन के माध्यम से सीधे संपर्क करके व किसान कॉल सेंटर में बात करके धान की खेती के अलावा तिलहन, दलहन व मोटे अनाज की खेती-बाड़ी के बारे में जानकारी प्राप्त करते रहतें है। हरेलाल कहते हैं कि थोड़ी सी जागरूकता दिखाई जाए तथा जिला कृषि विभाग के पदाधिकारियों व कर्मियों से मिलने वाली तकनीकी जानकारी का लाभ उठाया जाए तो खेती-किसानी का कार्य भी अब फायदे का कारोबार हो गया है जिससे अपने घर-परिवार के लिए जरूरी अनाज उपजाने के साथ-साथ नगद आय भी हो जाती है।

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