मिरर मीडिया : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धनबाद में पिछले चार वर्षों में काटे गए पेड़, पौधारोपण एवं री-प्लांटेशन को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। बार-बार पत्र देकर जांच रिपोर्ट मांगने के बाद भी जवाब न मिलने पर वन विभाग झारखंड को चेतावनी पत्र जारी किया है।
बता दें कि गोल बिल्डिंग से कांकोमठ तक आठ लेन सड़क का निर्माण में हजारों की संख्या में पेड़ काटे गए। इसकी तुलना में न तो पौधारोपण हुआ और न ही री-प्लांटेशन किया गया जबकि, पेड़ काटने के स्थान पर री-प्लांटेशन करने का आदेश कई बार दिया गया। इतना ही नहीं सड़क के अधीन पेड़ों की संख्या और अधिष्ठापित होने वाले पेड़ों का सही आंकड़ा भी विभाग नहीं बता सका।
पेड़ काटे जाने के सम्बन्ध में निवर्तमान पार्षद निर्मल मुखर्जी ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। जीसके बाद मंत्रालय की ओर से पत्र देकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक से पेड़ काटने की जानकारी देने को कहा गया। किसी प्रकार का कोई जवाब नही मिलने पर एक बार फिर से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र देकर रिपोर्ट मांगी है।
इस बार मंत्रालय की ओर से कड़ा पत्र जारी तत्काल मंत्रालय को रिपोर्ट प्रेषित करने का जिक्र है। बता दें कि धनबाद में पिछले कुछ वर्षों में 25 हजार से अधिक पेड़ काट दिए गए हैं।