महिलाएं हो रही स्वावलंबी, युवाओं की मिल रहा प्रशिक्षण

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी, ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जिला सभागार में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना से संबंधित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, उपायुक्त विजया जाधव, डीपीएम जेएसएलपीएस व अन्य गणमान्य ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का शुभारंभ किया तथा सभी अतिथिगणों का पौधा देकर स्वागत किया गया।

कार्यशाला का उद्देश्य पंचायती राज के सदस्य और झारखण्ड सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मचारी को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकरी देना व प्रखंड स्तर पर क्रियान्वित करना था। इस क्रम में बताया गया कि 18 से 35 वर्ष के ग्रामीण युवाओं युवतियों को सीआईए के द्वारा विभिन्न ट्रेडों में 3 से 12 माह तक का प्रशिक्षण देकर राज्य के विभिन्न जिलों व राज्य से बाहर रोजगार दिया जाता है। इसके अंतर्गत जिले के 1833 युवक-युवतियों को अब तक अलग-अलग ट्रेडों में प्रशिक्षित कर 481 युवाओं को रोजगार व विभिन्न ट्रेडों में भेजा जा चुका है।

उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि बाजार मांग के अनुरूप स्किल फ्रेमिंग होना चाहिए। इसके लिए लोगों को मोबिलाइज किया जाए। लोगों को कौशल विकास उपलब्ध कराने वाले कार्यालय आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें। प्रत्येक कार्यक्रम की आईसी होनी चाहिए कार्यक्रमों की खानापूर्ति नहीं। वर्तमान में बाजार की आवश्यकता को ध्यान में रखकर ट्रेड में लोगों को निपुण बनाएं। लोगों को पुरानी मानसिकता से बाहर आने की आवश्यकता है, क्योंकि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। कार्यों में लोग नवाचार लेकर आ रहे हैं।

परम्परागत व कॉमर्शियल अप्रोच के बाद अब इम्पोवेर्मेंट का समय

उपायुक्त ने कहा कि देश में बने उत्पाद का उपयोग विदेश में हो रहा है लेकिन जानकारी के अभाव के कारण हम अपने आप को उसे परिवेश में नहीं डाल पा रहे हैं। पहले परंपरागत एप्रोच था फिर कॉमर्शियल अप्रोच अब इम्पावरमेंट का समय है, जब तक हम इम्पावरमेंट नहीं होंगे तब तक विकास नहीं होगा। 30 से 40 प्रतिशत ही प्लेसमेंट हो रहा है बाकी डिग्री लेकर बैठे हैं। अब सेल्फ सफिशिएंट होने का समय है, लोगों का कम्युनिकेशन स्किल सुधार जाए, जिससे विभिन्न क्षेत्र के लोगों के साथ संवाद स्थापित कर सकें। अंग्रेजी की शिक्षा भी जरूरी है, सफल व्यक्तियों की सफलता की कहानी लोगों को बताएं। महिलाओं व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कौशल स्किल से जोड़ने के लिए मोबिलाइज किया जाए। महिलाओं के सशक्तिकरण में स्किल की भूमिका विशेष है, अन्य जिलों की तरह यहां की महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे आने की आवश्यकता है। केंद्र व राज्य सरकार कई प्रकार की कौशल प्रशिक्षण योजनाओं को चला रही है ताकि युवाओं को ट्रेनिंग देकर इन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके जिससे वे अपना भविष्य के साथ साथ देश के विकास में भी अपना पूरा योगदान प्रदान कर सकें।

उपायुक्त ने अपने सम्बोधन में दिशा निर्देश देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में निरंतर कार्य करने होंगे। ताकि आगे भी युवक व युवतियों को विभिन ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उनका कौशल विकास किया जा सके तथा उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान किया जा सके। युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए सरकार द्वारा यह योजना चलाई जा रही है, यह एक ऐसा अवसर है जिससे छुपी हुई प्रतिभा निखर कर सामने आ रही है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा व इसकी पैकेजिंग की दिशा में भी आगे बढ़ा जा सकता है। कई गांव में कुछ खास उत्पाद होते हैं, जिन्हें ग्लोबल मार्केट मिले तो न केवल गांव का विकास होगा बल्कि इससे ग्रामीणों की आमदनी होगी व उत्पाद ग्लोबल होगा। उन्होंने कहा कि गांव में युवक-युवतियों के पास कई ऐसी विशेषताएं हैं, जिन्हें निखारने की जरूरत है। इस दिशा में लगातार कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिए जाने का कार्य चलता रहे।

जिला परिषद अध्यक्ष ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना से जुड़ने के लिए सभी को अपने स्तर से युवाओं को प्रेरित करने व गांव में अगर किसी के पास कोई खास प्रतिभा दिखे तो उन्हें इस योजना से जोड़ने के लिए प्रेरित किया। जिला परिषद अध्यक्ष ने जेएसएलपीएस की पूरी टीम को धन्यवाद करते हुए कहा कि जिले में जेएसएलपीएस द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत महिलाएं स्वावलंबी हो रही है और युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कई महिलाएं आज अपने पैर पर खड़ी हो सकीं है। उन्होंने कहा कि जिले में अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा जिससे आने वाले दिनों में हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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