
मिरर मीडिया : आईआईटी आईएसएम धनबाद के फ्यूल, मिनिरल्स एंड मेटालर्जिकल इंजियारिंग विभाग ने रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलपमेंट के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राहुल एमआर ने मशीन लार्निग का उपयोग कर मिश्र धातु तैयार करने में बड़ी कामयाबी पाई है।
इसके साथ ही आईआईटी आईएसएम धनबाद इस तकनीक को हासिल करने वाला विश्व का सातवां संस्थान बन चुका है।
इस सफ़लता पर संस्थान के निर्देशक प्रो राजीव शेखर ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि आज पूरे विश्व में उच्च गुणवक्ता वाले मिश्र धातु की बहुत अधिक मांग है। विषेश कर विमानन और मेडिकल मशीनरी क्षेत्र में। साथ ही उन्होंने बताया कि हाई एंट्रॉफी मिश्र धातु 5 या उससे अधिक तत्व के बड़े अनुपात को मिलाने से तैयार हुआ है ।यह एक बिल्कुल नई तकनीक है। इसको तैयार करने में प्रो राहुल को बीटेक के छात्र भी अपना सहयोग दे रहे है।
वही प्रोफ़ेसर राहुल ने अपने शोध पर बात करते हुए बताया कि पारंपरिक तकनीक से ऐसे मिश्र धातु तैयार करने और परीक्षण करने में काफी लंबा समय लग जाता है ।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के प्रयोग से जटिल समस्याओं को आसनी से हल करने में मदद मिलती है। इस तकनीक की मदद से उच्च गुणवत्ता वाले मिश्र धातु तैयार किए जाते हैं। आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि मिश्र धातु दो या दो से अधिक अलग–अलग तत्वो का धात्विक रूप से मिश्रित एक ठोस मिश्रण है, जिसमें कम से कम एक धातु होता है। अभी तक इस मिश्र धातु को विशेषज्ञ अपने हाथों से मिलाते हैं। लेकिन अब मशीन लर्निंग तकनीक की मदद से एक साथ कई धातु को मिलाकर नई मिश्र धातु बनाई जा सकती है। इसकी मदद से रक्षा व मेडिकल मशीनरी को बनना काफी आसान हो जाएगा।