
विश्व: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों ईरान की यात्रा पर हैं। सोमवार को वह ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से मिले।
इस दौरान दोनों विदेश मंत्रियों के बीच व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। इस क्षेत्र में जहाजों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठा। भारत के आसपास जहाजों पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए “गंभीर चिंता” का विषय बताते हुए जयशंकर ने कहा कि इस तरह के खतरों का भारत की ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है। यह एक भयावह स्थिति है और इससे किसी पक्ष को लाभ नहीं होगा।
अब्दुल्लाहियन के साथ बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में जयशंकर ने आगे कहा कि हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री यातायात पर खतरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह जरूरी है कि इस विवाद का शीघ्रता से समाधान हो।
मालूम हो कि पिछले कुछ हफ्तों से लाल सागर से गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर यमन स्थित हाउती आतंकियों की तरफ से हमला करने की कई घटनाएं हुई हैं। अमेरिका का आरोप है कि ये आतंकी ईरान की मदद से हमला कर रहे हैं। भारत ने भी इस पर कई बार गंभीर चिंता जताई है, क्योंकि इस मार्ग से काफी सामान का आयात- निर्यात होता है।