कोयला कारोबारियों के 56 ठिकानों पर तीसरे दिन भी आयकर की जांच जारी, अब तक चार करोड़ की संपत्ति बरामद

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धनबाद: जिले के दो बड़े कोयला कारोबारी अनिल गोयल और दीपक पोद्दार से जुड़े 56 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी है। ने चापेमारी की है, जिसमें नकदी और जेवरात शामिल हैं। आयकर विभाग की टीम द्वारा आये गए डेटा और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण जारी है, जो आगे की जांच के लिए हो सकता है।आयकर विभाग ने कोयला स्टॉक और आसेट्स की मान का आकलन करने के लिए सीसीएल और बीसीसीएल के विशेषज्ञों की मदद ली है। रायगढ़ स्थित दीपक कुमार पोद्दार के संपत्ति के आकलन के लिए सेल भिलाई के विशेषज्ञों को बुलाया गया है। आयकर विभाग की आशंका है कि यह छापेमारी से बड़ी आयकर चोरी के मामले की खुलासा हो सकती है। अनिल गोयल के 38 और दीपक पोद्दार के 18 ठिकानों पर छापेमारी जारी है, जो बिहार, झारखंड, कोलकाता और छत्तीसगढ़ में स्थित हैं। सभी ठिकानों से भारी मात्रा में कोयले की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज मिले हैं, जिनका विभाग अभी जांच कर रहा है।आयकर विभाग ने हार्डकोक प्लांट, आवास, कोयला डिपो, और कार्यालय में तलाशी की है, जिसमें शामिल हैं अनिल गोयल और दीपक पोद्दार के संबंधित आस्तियाँ।

जोरदार छापेमारी के बाद, आयकर विभाग की टीम द्वारा उच्च स्तर की जांच जारी है, जिसमें इस विवादित मामले की सच्चाई और नियमों का पालन किया जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर, आयकर विभाग ने इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करने का ऐलान किया है ताकि कोयला उद्योग में नियमों का पूरा अनुसरण हो सके।आयकर छापेमारी ने विभिन्न राज्यों के कोयला कारोबारियों के संपत्ति और वित्तीय लेन-देन की चौपायी जानकारी प्राप्त की है, जो इस मामले के चरम पर पहुंच सकती है। यह छापेमारी केवल आयकर उत्पन्न करने के लिए नहीं, बल्कि संपत्ति के स्रोतों की सत्यता की जाँच के लिए भी हुई है। विभाग द्वारा शुरू की गई जांच ने संपत्ति और लेन-देन में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आसामी बना दी है।आयकर विभाग ने इस छापेमारी के माध्यम से कोयला उद्योग में न केवल आयकर चोरी की जांच की है, बल्कि उद्यमियों के अव्यवस्थित लेन-देन और संपत्ति के उत्पन्न होने की सत्यता को भी बड़े स्तर पर गहराई से जांचा जा रहा है। इस तरह की सख्ती से की जा रही कार्रवाई से यह सुनिश्चित होगा कि उद्यमी नियमों का पूरा अनुसरण करें और वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखें। इसके माध्यम से, सरकार ने साफ भ्रष्टाचार और नियमों का पूरा अनुसरण करने की दृष्टि से कोयला उद्योग की सुरक्षा में कदम बढ़ाया है।इस छापेमारी के माध्यम से आयकर विभाग ने साफ रूप से संकेत दिया है कि सरकार उद्यमियों और कोयला उद्योग के खिलाफ न केवल आयकर चोरी के मामले में, बल्कि संपत्ति के वित्तीय लेन-देन में भी कोई ताक़तें नहीं बर्दाश्त करेगी। इस कड़ी से जांच के बाद, सार्वजनिक स्थानों में समझौता और अनुशासन की मांग हो सकती है, जो उद्यमियों को नियमों का पालन करने और साही तरीके से लेन-देन करने के लिए प्रेरित करेगी। यह स्थिति से निर्मित एक सुशासनशील और नियमों का पूरा अनुसरण करने वाला कोयला उद्योग होगा।

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