रविन्द्र भवन में एक दिवसीय विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर आयोजित, लाभुकों के बीच परिसम्पत्तियों का किया गया वितरण

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान व झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के संरक्षण में जिला विधिक सेवा प्राधिकार पूर्वी सिंहभूम के सौजन्य से पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एण्ड आऊटरीच कैम्पेन के अंतर्गत लोगों को विधिक सेवा तथा कल्याणकारी योजनाओं के लाभांश वितरण के लिए विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन रविन्द्र भवन, साकची में किया गया। शिविर का शुभारंभ लाभुकों द्वारा दीप प्रज्ववलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा पूर्वी सिंहभूम नलिन कुमार मौजूद रहे। शिविर में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सूरज कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन, उपाध्यक्ष राज्य बार काउंसिल राजेश कुमार शुक्ला, अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन लाला अजित अम्बष्ठा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नीतीश नीलेश सांगा, उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत तथा जिले के अन्य वरीय पदाधिकारी शामिल हुए।

पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एण्ड आऊटरीच कैम्पेन एवं विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर के उद्देश्यों को साझा करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 02 अक्तूबर 2021 को पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एण्ड आऊटरीच कैम्पेन का शुभारंभ किया गया था जिसका समापन 14 नवंबर 2021 को किया जाएगा। इसी के निमित्त आज जिले में विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों, श्रमिकों, विधवाओं, महिलाओं, दिव्यांगजनों व समाज के अति पिछड़े वर्ग के लोगों तक संवैधानिक प्रावधानों व संवैधानिक लाभों को पहुंचाने के साथ-साथ उक्त समस्याओं के समाधान हेतु जिला प्रशासन एवं आमजनों के बीच समन्वय स्थापित करना है। 02 अक्तूबर से 14 नवंबर चलने वाले इस अभियान के दौरान डालसा के सदस्यों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों का भ्रमण कर वहां के लोगों की कानूनी समस्याएं, सामुदायिक व अन्य समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया गया। साथ ही लोगों को आवश्यक कानूनी जानकारियां भी दी गई।

अध्यक्ष बार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम ने अपने संबोधन में कहा कि विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन अनुसूचित जनजातियों, श्रमिकों, विधवाओं, महिलाओं, दिव्यांगजनों एवं समाज के अति पिछड़े वर्ग के लोगों को विधिक सेवा तथा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
हमारा पूरा तंत्र सेवा पर ही आधारित है। अभियान का मुख्य उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक संवैधानिक प्रावधानों एवं कानूनी लाभों को पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति को अपने अधिकार की सुरक्षा के लिए न्यायालय की शरण लेनी पड़े तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उस व्यक्ति की हर कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। किसी भी समुदाय को लोग अपने अधिकार की सुरक्षा के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने शिविर के माध्यम से लाभुकों के बीच किये जाने वाले परिसंपत्ति वितरण की जानकारी देने के साथ-साथ सरकार द्वारा सन्चालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिविर के माध्यम से 63666 लाभुकों के बीच 409 करोड़ 46 लाख रुपए की योजनाओं व परिसंपत्ति का लाभ लाभुकों को दिया जा रहा है। शिविर में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभुकों के बीच पूर्ण आवासों के लाभुकों का प्रमाण पत्र वितरण, जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा लाभुकों के बीच मुख्यमंत्री सुकन्या योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं स्पॉन्सरशिप योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि का वितरण, श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिक सेफ्टी किट तथा साड़ी/ शर्ट-पैंट योजना, समेकित जनजातीय विकास अभिकरण द्वारा वन पट्टा, चिकित्सा सहायता अनुदान व बिरसा आवास योजना, जेएसएलपीएस द्वारा सखी मंडलों के बीच सामुदायिक निवेश निधि के तहत राशि वितरण तथा जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा कंबल वितरण व मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजनांतर्गत लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाएं जनता के लिए समर्पित हैं और सरकार के तंत्र होने के नाते हम उन योजनाओं को क्रियान्वित करने का प्रयास करते हैं।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग, नगर निकाय, श्रम, कल्याण, आपूर्ति, गव्य विकास, मत्स्य, जेएसएलपीएस, पेयजल व स्वच्छता विभाग आदि के स्टॉल का भी अतिथियों ने अवलोकन किया। शिविर में निदेशक डीआरडीए, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी तथा अन्य सम्बंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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