बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सबी दलों ने पूरा जोर लगा दिया है। बिहार कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। बिहार चुनाव की तैयारियों के बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर बिहार आने वाले हैं। खास बात यह है कि बीते 5 महीने में उनका यह चौथा बिहार दौरा होगा। उनका यह दौरा आगामी 15 मई को प्रस्तावित है। बिहार में इस साल अक्टूबर नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिससे पहले राहुल गांधी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

इस साल चौथी बार बिहार आएंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी बिहार में कांग्रेस के खोए हुए राजनीतिक जनाधार को दोबारा वापस लाने की कवायद में जुटे हुए हैं। यही वजह है कि इस साल की शुरुआत के साथ राहुल गांधी ने हर महीने बिहार का दौरा किया है। केवल मार्च महीने को छोड़ दिया जाए तो इस साल की शुरुआत के साथ राहुल गांधी ने हर महीने बिहार का दौरा किया है। 18 जनवरी, 04 फरवरी और 07 अप्रैल को राहुल गांधी बिहार दौरे पर आ चुके हैं। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ देखेंगे ‘फुले’ फिल्म
राहुल गांधी गुरुवार को सुबह पटना पहुंचेंगे और सामाजिक न्याय से जुड़े हुए एक्टिविस्टों के साथ मुलाकात करेंगे। इस दौरान वो सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं के साथ फुले’ फिल्म भी देखेंगे। यह फिल्म समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने समाज के वर्ण व्यवस्था पर गहरी चोट किए हैं।
सामाजिक न्याय के लिहाज से फुले फिल्म काफी अहम मानी जा रही है। ऐसे में राहुल गांधी बिहार में सामाजिक न्याय के एक्टिविस्टों के साथ फिल्म देखकर सियासी संदेश देने की कवायद करेंगे। बिहार सामाजिक न्याय के आंदोलन की भूमि रही है। ज्योतिबा फुले भले ही महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते रहे हों, लेकिन बिहार में उनकी अपनी सियासी अहमियत है, खासकर दलित और अति पिछड़े समुदाय के बीच अहमियत है।
राहुल गांधी का दलित कार्ड
राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई नेता भी बिहार दौरे पर 15 मई को आ रहे हैं। शिक्षा, रोजगार और पलायन के मुद्दे पर राहुल गांधी दरभंगा या मुजफ्फरपुर जिले में दलित, ओबीसी और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ संवाद कर सकते हैं। राहुल गांधी जिस तरह से सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर मुखर हैं, उससे बिहार के दलित समुदाय का झुकाव तेजी से कांग्रेस की तरफ हुआ है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं को बिहार में उतारने की तैयारी की है
राहुल के बिहार यात्रा के सियासी मायने
बिहार में इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में छोटे अंतराल में उनकी इस यात्रा को लेकर सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। पांच महीने में ही चौथी बार राहुल गांधी का बिहार दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बिहार में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद में है। यही वजह कि राहुल गांधी किसी तरह की कोई गलती नहीं करना चाहते। कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ी थी और 19 सीट ही जीत पाई थी। यही वजह है कि इस बार सीटों की शेयरिंग को लेकर महागठबंधन के भीतर खींचतान की बात सामने आई है। कांग्रेस 70 सीटों पर अड़ी है तो इस बार उसे 55 से 60 दिये जाने की बात महागठबंधन में कही जा रही है। ऐसे में राहुल गांधी की लगातार बिहार यात्रा इस बात का संकेत है कि कांग्रेस सीटों दावेदारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है।