डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर: झारखंड के हजारीबाग स्थित जयप्रकाश केंद्रीय कारा के डिटेंशन सेंटर से तीन बांग्लादेशी कैदियों की फरारी की सनसनीखेज घटना ने जेल प्रशासन और स्थानीय पुलिस को सकते में डाल दिया है। यह घटना रविवार रात से सोमवार सुबह के बीच हुई, जिसकी जानकारी सोमवार सुबह 7 बजे कैदियों की गिनती के दौरान सामने आई। फरार हुए तीनों कैदी बांग्लादेशी नागरिक हैं, जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं।
जेल प्रशासन के अनुसार रविवार रात 9 बजे हुई नियमित गिनती में सभी कैदियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी और सब कुछ सामान्य पाया गया। हालांकि, सोमवार सुबह 7 बजे की गिनती के दौरान तीन कैदियों के गायब होने का पता चला, जिसके बाद जेल में हड़कंप मच गया। फरार कैदियों की पहचान रीना खान, नीता अख्तर खुशी और मज़नूदार हवलदार के रूप में की गई है। ये सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो किसी कानूनी प्रक्रिया के तहत डिटेंशन सेंटर में रखे गए थे।
जेल प्रशासन ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी, और हजारीबाग पुलिस ने फरार कैदियों की तलाश के लिए एक विशेष टीम गठित की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि कैदियों ने किस तरह से भागने में सफलता हासिल की। संदेह जताया जा रहा है कि इस घटना में जेल के भीतर से किसी की मिलीभगत हो सकती है, जिसके आधार पर गहन पूछताछ शुरू कर दी गई है। पुलिस ने फरार कैदियों के फोटो और विवरण स्थानीय थानों और पड़ोसी जिलों में साझा कर दिए हैं।
गौरतलब है कि हजारीबाग केंद्रीय कारा में डिटेंशन सेंटर उन विदेशी नागरिकों के लिए बनाया गया है, जो अपनी सजा पूरी करने के बाद भी देश छोड़ने में असमर्थ हैं या जिनके खिलाफ निर्वासन की प्रक्रिया लंबित है। हाल के वर्षों में इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं, क्योंकि इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी डिटेंशन सेंटर से फरार होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के दावे किए थे।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फरार कैदियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, जेल प्रशासन ने इस मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि यदि उन्हें संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में कोई जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
इस घटना से न केवल जेल प्रशासन बल्कि स्थानीय निवासियों में भी चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं सीमा पार अपराध और अवैध प्रवास से जुड़े मुद्दों को और जटिल कर सकती हैं। पुलिस और जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।