धनबाद के झरिया में पिछले सौ वर्षों से जल रही भूमिगत आग और इसके कारण लगातार हो रहे भू-धंसानों से जूझ रहे हजारों परिवारों को अब बड़ी राहत मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित झरिया मास्टर प्लान (Jharia Master Plan – JMP) को मंजूरी दे दी है।
इस योजना के तहत 5,940 करोड़ रुपये खर्च कर प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा और क्षेत्र में फैली आग को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
🔥 झरिया की आग: एक सदी पुरानी पीड़ा
झरिया कोयला क्षेत्र में भूमिगत आग और उससे उपजे भू-धंसान से हजारों परिवारों की जिंदगी दशकों से खतरे में रही है। इन परिस्थितियों में रहना न केवल असुरक्षित है, बल्कि स्वास्थ्य और जीवन के लिए भी गंभीर खतरा है। इस खतरनाक स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए यह संशोधित मास्टर प्लान एक महत्वपूर्ण कदम है।
🏠 पुनर्वास और आजीविका का होगा संपूर्ण प्रबंध
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद बताया कि मास्टर प्लान का पहला चरण तीन वर्षों में पूरा किया जाएगा। इस चरण में पूर्व में अधूरे पड़े कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा।
इसके साथ ही दूसरे चरण में दीर्घकालिक समाधान पर काम होगा, ताकि भविष्य में भूमिगत आग जैसी आपदा फिर कभी न हो।
💼 आजीविका सृजन पर रहेगा विशेष ध्यान
संशोधित योजना के तहत प्रभावित परिवारों को सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि आजीविका के साधन भी मुहैया कराए जाएंगे।
पुनर्वासित परिवारों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
कानूनी और गैर-कानूनी स्वामित्व वाले परिवारों को 1 लाख रुपये का आजीविका अनुदान और 3 लाख रुपये तक संस्थागत ऋण मिलेगा।
झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष की स्थापना की जाएगी, जिससे योजनाओं को निरंतर आर्थिक सहयोग मिलता रहे।
🌍 भविष्य में आग को रोकने के लिए व्यापक रणनीति
दूसरे चरण में सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि झरिया क्षेत्र में दोबारा ऐसी आग न लगे। इसके लिए वैज्ञानिक तकनीकों और भूगर्भीय अध्ययन के माध्यम से कार्य किया जाएगा।