डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के संदर्भ में किश्तवाड़ में एक महत्वपूर्ण रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय संघर्षों की याद दिलाते हुए कहा, “हमने विभाजन और 1990 में आतंकवाद के दिनों को देखा है। चंद्रिका शर्मा और परिहार बंधु जैसे व्यक्तियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है।”
आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने का वादा
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की जनता से वादा किया कि उनकी सरकार आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त कर देगी, जिससे यह फिर कभी सिर न उठ सके। उन्होंने आरोप लगाया कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस आतंकवाद को बढ़ावा देने के वादे कर रही हैं और यदि उनकी सरकार आई तो आतंकवादियों को छोड़ देने की बात कर रही हैं।
धारा-370 की समाप्ति पर जोर
शाह ने स्पष्ट किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने धारा-370 को समाप्त कर दिया है और अब यह भारत के संविधान का हिस्सा नहीं है। “जम्मू-कश्मीर में अब दो विधान, दो प्रधान और दो झंडे नहीं हो सकते। झंडा केवल हमारा तिरंगा होगा।
भाजपा और विपक्षी दलों के बीच चुनावी विभाजन
अमित शाह ने चुनाव को नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस बनाम भाजपा के बीच स्पष्ट विभाजन करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल धारा-370 को फिर से लागू करने की बात कर रहे हैं, जबकि भाजपा ‘विकसित कश्मीर’ का सपना देखती है।
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर आरोप
गृहमंत्री ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने याद दिलाया कि जब-जब इन दलों की सरकारें आईं, घाटी में आतंकवाद बढ़ा। शाह ने फारूक अब्दुल्ला से सवाल किया कि जब घाटी खून से लथपथ थी, तब वे कहां थे।