मोरारी बापू की कथा में पहुंचे ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक, कहा पीएम नहीं बल्कि एक हिंदू के रूप में आया हूं यहां

Anupam Kumar
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विदेश : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जीसस कॉलेज में आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू की ‘रामकथा’ में भाग लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी हिंदू आस्था उनके जीवन के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन करती है। देश के शासनाध्यक्ष के तौर पर बेहतरीन कार्य करने की प्रेरणा देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं यहां पर एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि हिंदू के तौर पर आया हूँ।
सुनक ने कहा कि मेरे लिए आस्था बहुत ही निजी है। यह मेरे जीवन के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन करती है।प्रधानमंत्री होना एक बड़े ही सम्मान की बात है, लेकिन इस पद पर रहते कर्तव्यों का निवर्हन करना आसान नहीं है
मुश्किल फैसले लेने होते हैं, मुश्किल विकल्पों को आत्मसात करना होता है। मेरी आस्था मुझे देश के लिए काम करने का साहस, ताकत व जुझारूपन देती है। सुनक ने कहा कि सबसे बड़ा मूल्य कर्तव्य या सेवा है, जैसा कि हम जानते हैं। मैं रामायण के साथ श्रीमद् भगवत गीता व हनुमान चालीसा को भी फॉलो करता हूं।

इसके अलावें ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने उस विशेष पल को भी साझा किया जब उन्होंने 2020 में पहले भारतीय मूल के ब्रिटिश चासलर (वित्त प्रभारी) होते हुए अपने आधिकारिक आवास 11 डाउनिंग स्ट्रीट पर दिवाली के दिन पहली बार दीप जलाया था।मोरारी बापू की रामकथा में मंच के पार्श्व में लगी भगवान हनुमान की स्वर्णिम तस्वीर का उल्लेख करते हुए सुनक ने कहा कि यह मुझे याद दिलाती है कि कैसे स्वर्णिम भगवान गणेश’ 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मेरी मेज पर प्रसन्नतापूर्वक विराजमान हैं। उन्होंने कहा कि यह मुझे कार्य करने से पहले मुद्दों को सुनने और उन पर विचार करने की निरंतर याद दिलाता है। मुझे ब्रिटिश होने पर गर्व है। हिंदू होने पर गर्व है।अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह साउथेम्प्टन स्थित मंदिर में लोगों की सेवा करते थे, जिससे उन्हें सुकून मिलता था।

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