डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: मुख्य सचिव अलका तिवारी ने मंगलवार को राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि आधारभूत संरचना से जुड़े निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दें और इन्हें तय समय सीमा के भीतर पूरा करें। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में आ रहीं छोटी-छोटी बाधाओं को तुरंत दूर किया जाए। छोटे कारणों से परियोजनाएं रुकने पर उनकी लागत अनावश्यक रूप से बढ़ती है, जिससे संसाधनों और राज्य दोनों को नुकसान होता है।
समीक्षा बैठक में सभी विभागों के अधिकारी शामिल
मुख्य सचिव ने यह निर्देश नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI), रेलवे ओवरब्रिज और राज्य सड़क निर्माण विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिए। बैठक में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव चंद्रशेखर, वन विभाग और एनएचएआई के अधिकारी शामिल थे। इस दौरान राज्यभर के उपायुक्त भी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजा सबसे बड़ी बाधा
समीक्षा में यह बात सामने आई कि भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, फॉरेस्ट क्लियरेंस और विधि-व्यवस्था जैसी समस्याओं के कारण परियोजनाएं बाधित हो रही हैं। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ऐसी बाधाओं को एक महीने के भीतर दूर किया जाए। उपायुक्त जिला स्तर पर सभी पक्षों से बातचीत कर समस्याओं का समाधान करें।
राज्य में चल रहीं 38,483 करोड़ की परियोजनाएं
बैठक के दौरान एनएचएआई की चल रही सभी परियोजनाओं की स्थिति पर चर्चा की गई। वर्तमान में राज्य में 38,483 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, कई रेलवे ओवरब्रिज और राज्य सरकार की सड़कों के विस्तार और चौड़ीकरण का काम भी जारी है।
समस्या समाधान में समय सीमा का पालन जरूरी
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि समस्याओं के समाधान के लिए समय सीमा में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि तय समय पर परियोजनाओं को पूरा करना सभी विभागों की जिम्मेदारी है। भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और अन्य बाधाओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए ताकि निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ सके।