मिरर मीडिया : इनकम टैक्स देने वालों के लिए राहत वाली खबर है। दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को देखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ITR फाइल करने की डेडलाइन 30 सितंबर, 2021 तक जरूर बढ़ा दी है, लेकिन डेडलाइन बढ़ने का मतलब ये नहीं है कि आपको दंडात्मक ब्याज चार्ज से राहत मिल गई है, जिसका भुगतान सेल्फ असेसमेंट टैक्स या एडवांस टैक्स के केस में आउटस्टैंडिंग टैक्स लायबिलिटी के मामले में जरूरी होता है।
हालांकि सेक्शन 234A के तहत उन टैक्सपेयर्स को राहत मिलती है, जिनका सेल्फ असेसमेंट टैक्स 1 लाख रुपये तक है. लेकिन अगर टैक्स लायबिलिटी 1 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें देरी पर ब्याज देना होगा। इसलिए भले ही इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 30 सितंबर हो, अगर आपकी टैक्स लायबिलिटी 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अगस्त और सितंबर के लिए 1 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट देना होगा। मान लीजिए की डेडलाइन 30 सितंबर के बाद भी आगे बढ़ती है, तो उसी हिसाब से ब्याज भी लगता रहेगा।
इसी तरह सेक्शन 234B के तहत, अगर किसी टैक्सपेयर ने एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या फिर टैक्स देनदारी का 90 परसेंट से कम चुकाया है, तो उसे भी 1 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट देना होगा। आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 208 के मुताबिक अगर किसी साल के लिए किसी व्यक्ति की टैक्स देनदारी 10,000 रुपये या इससे ज्यादा हो जाती है तो उसे एडवांस टैक्स चुकाना होता है। अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहता है तो सेक्शन 234B के तहत हर महीने 1 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट चुकाना होगा या अप्रैल से वास्तविक टैक्स पेमेंट की तारीख तक उसे टैक्स चुकाना होगा।