मिरर मीडिया : धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में लार्जर कांस्पिरेसी की जांच के लिए इंटरपोल और अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई से संपर्क किया गया है।
इस हत्याकांड के दो आरोपियों को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट पिछले साल अगस्त में ही उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। लेकिन, इसमें लार्जर कांस्पिरेसी की जांच अब भी जारी है।
विदित हो कि बता दें कि जज उत्तम आनंद की माैत 28 जुलाई 2021 की सुबह हुई थी। वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पर 5 बजकर 8 मिनट पर एक ऑटो ने उन्हें पीछे से धक्का मार दिया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा हत्या है। जज को जानबूझकर धक्का मारा गया। इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की सीबीआई को साैंपी पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच की। इसके बाद 4 अगस्त 2021 को सीबीआई को जांच सौंप दी गई।
20 अक्टूबर को सीबीआई ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर किया। सीबीआई ने हत्या के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एफआईआर भी दर्ज की। वही बचाव पक्ष के वकील कुमार विमलेंदु ऑटो ड्राइवर लखन, राहुल वर्मा को निर्दोष बताते रहे।
उसके बाद अदालत ने न्यायाधीश के पुण्यतिथि के दिन फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर दिया है। आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को सीबीआई की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार जुर्माना भी सुनाया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से आरोप पत्र में दर्ज कुल 169 गवाहों में से 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था। सीबीआई ने दावा किया था कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज साहब को टक्कर मारी, जिससे उनकी मौत हो गई।