मैं गया पुल हूं, लाचार हूं, बेबस हूं : पुल के उद्धार के लिए धनबादवासी तख्ती लेकर उतरें सड़क पर
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मिरर मीडिया : धनबाद में गया पुल का मुद्दा काफी पुराना और बड़ा है। वर्षो बीत जाने के बाद आज भी समस्या का स्थायी निदान की बाट जोह रहा है गया पुल। बता दें कि श्रमिक चौक होते हुए बैंक मोड़ जाने वाले रास्ते के बीच गया पुल के पास वर्षों से जाम की समस्या देखी जाती रही है। जबकि बरसात के दिनों में यहां काफ़ी जलजमाव हो जाता है। जिससे पैदल आने जाने वालों सहित वाहनों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी क्रम में शनिवार को धनबाद के लोगों ने ट्विटर अभियान चलाया है। लोगों ने गया पुल के सामने हाथों में तख्तियां लेकर अपनी नाराजगी जताई है। 50 से अधिक महिला, पुरुष और बुजुर्गों ने इस तरीके से प्रदर्शन किया।
लोगों ने इसमें लापरवाही और अनदेखी करने वाले सभी विभागों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर से परेशान होकर तख्तियों में लिखा कि मैं गया पुल हूं, लाचार हूं, बेबस हूं, मैं गया पुल हूं, गया पुल करे पुकार धनबादवासी मेरा करो उद्धार, क्यों मुझे दरकिनार करते हो, क्योंकि ना मैं मंदिर हूं ना मस्जिद ना ही गुरुद्वारा, कोई बड़े हादसे के इंतजार मत करो मैं गया पुल हूं मेरा उद्धार करो।
मेरी गोद से हर दिन कुचलकर निकल जाते हो अगर उद्धार की बात करूं तो सरकारी मामला बताते हो, आखिर क्या है मेरी भूल, प्रलय का मैं दे रहा हूं दस्तक, आखिर मौन रहूंगा कब तक ऐसे कई सारे स्लोगन के साथ लोगों ने विभाग और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया है इस आशा में कि संभावित कोई बड़ी घटना से पहले इसका निराकरण हो जाए।
गौरतलब है कि राज्य कैबिनेट ने फाइनेंसियल बिड में टेंडर राशि से 30 प्रतिशत राशि अधिक राशि कोट करने पर ठेकेदार शीला कंस्ट्रक्शन का टेंडर रद्द कर दिया गया और अब विभागीय प्रक्रिया दोहराने के बाद फिर से टेंडर निकाला जाएगा।
गया पुल पर अंडरपास बनाने की योजना पिछले कई वर्षों से चल रही है पर हर बार किसी कारण से काम ही नहीं हो पा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो ये समस्या विभागीय और फाइलों में उलझा हुआ है जिससे निजात पाने और अंडरपास के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।