केयू में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग व स्नातकोत्तर क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में मंगलवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के ब्लॉक ‘ए’ के ऑडिटॉरियम में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन हुआ। इस अवसर पर संस्कृत व टीआरएल विभाग की बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृत विभाग की छात्रा सरस्वती महतो के मंगलाचरण पाठ से हुआ। इसके बाद स्नातकोत्तर क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा विभाग के प्राध्यापक प्रोफ़ेसर बसंत चाकी ने मातृभाषा दिवस के संबंध में विषय उपस्थापन किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति ही जननी है और जननी की भाषा ही मातृभाषा है। मातृभाषा दिवस के अवसर पर संस्कृत व जनजातीय भाषा विभाग के छात्र छात्राओं ने अपनी-अपनी मातृभाषा में अपनी प्रस्तुति दी। संस्कृत विभाग की छात्रा लीलावती कुमार ने बंगला में आकर्षक गीत प्रस्तुत की। जबकि पार्वती और सरस्वती ने कुरमाली भाषा में मनमोहक गीत प्रस्तुत किए। अमीषा पाड़िया, अनीता व मनीषा बोदरा ने अपनी मातृभाषा हो भाषा में संगीतमय प्रस्तुति दी। जबकि आरती ने अपनी मातृभाषा उड़िया में गीत प्रस्तुत की। कुरमाली भाषा के प्राध्यापक सुभाष चंद्र महतो ने मातृभाषा दिवस की प्रासंगिकता विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। जनजातीय भाषा विभाग के प्रोफेसर निशान हेंब्रम ने ऑल मेनाक् तामा,रोड़ मेनाक् तामा के आधार पर मातृभाषा की महत्ता को स्पष्ट किया। मातृभाषा दिवस की अध्यक्षता कर रही संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना सिन्हा ने अध्यक्षीय भाषण अंगिका में दिया। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभाषा में बात रखना हमेशा गर्व व आत्मसम्मान का अनुभव होता है। स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग व क्षेत्रीय जनजाति विभाग के मातृभाषा दिवस के इस संयुक्त कार्यक्रम का संयोजन व मंच संचालन स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग की प्रोफ़ेसर दानगी सोरेन ने किया। जबकि निसोन हेम्ब्रम ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्कृत व जनजातीय भाषा विभाग के छात्र छात्राओं का विशेष योगदान रहा।

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