मिरर मीडिया धनबाद : देश की सबसे बड़ी कोकिंग कोल वाशरी मधुवन द्वारा लघु खनिज के मद में राजस्व जमा नहीं करने को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। 29 नवंबर को इस वाशरी से कोयला वाशिंग शुरू हो गया है। करीब 262 करोड़ की लागत से इसका निर्माण एचईसी ने किया है। राज्य सरकार के निर्देश पर खनन विभाग ने बीसीसीएल पर 80 लाख रुपये का ब्याज के साथ दंड लगाया है। साथ ही राशि जमा नहीं करने पर सर्टिफिकेट केस करने का नोटिस दिया है। मधुवन कोल वाशरी का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था जो नवंबर – 2022 में समाप्त हुआ था। करीब 35 करोड़ की लागत से सिविल वर्क किया गया है, जिसमें लघु खनिज का उपयोग किया गया है। लघु खनिज का उपयोग करने पर खनन विभाग को राजस्व जमा करना होता है, लेकिन राशि जमा – नहीं हुई है। कोयला मंत्री ने नवंबर में ही इस वाशरी का उद्घाटन किया था। इस वाशरी के निर्माण से देश को 576 मिलियन डालर (विदेशी मुद्रा) बचत होने – की बात कही गई है। खनन विभाग का पत्र बीसीसीएल मुख्यालय पहुंचते ही अधिकारियों के बीच हलचल मच गई। खनन विभाग ने बताया कि पहले भी इस संबंध BCCL को सूचना दे दी गई थी लेकिन BCCL के अधिकारियों ने इसे HEC का कार्य बता पल्ला झाड़ लिया था