अब झारखंड के विश्वविद्यालयों को हर महीने के खर्च का हिसाब देना होगा राजभवन को : अनियमितता की शिकायत पर प्रधान सचिव ने उठाया ये कदम
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वर्षों से लंबित कई पदों के प्रोन्नति नहीं किये जाने के मामले पर भी पूछे कारण
मिरर मीडिया : विश्वविद्यालय में अत्यधिक व्यय किये जाने के संबंध में शिकायत मिलने के बाद राजभवन ने संज्ञान लेते हुए एक सख्त कदम उठाया है। बता दें कि अब से झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों को हर महीने राजभवन को खर्च का हिसाब देना होगा।
दरअसल विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए राजभवन ने ये पहला कदम उठाया है। ऐसा इसलिए कि झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी के अनुसार उन्हें पिछले दिनों में विश्वविद्यालय में कुछ चीजों में अत्यधिक व्यय किये जाने के संबंध में एक शिकायत पत्र प्राप्त हुई है जबकि उसकी समीक्षा में इस बात की पुष्टि भी हुई है।
इसी के मद्देनज़र अब विश्वविद्यालय को हर माह खर्च किये जाने की विस्तृत जानकारी प्रत्येक महीने की 5 तारीख को देनी होगी। प्रधान सचिव के द्वारा तय किये गए तारीख के अनुसार अब महीने का जो भी खर्च होगा उसकी पूरी जानकारी अगले महीने की 5 तारीख को देनी पड़ेगी।
गौरतलब है कि झारखंड में विश्वविद्यालय के वित्तीय विभाग से जुड़ा ये पहला मामला है जब राजभवन ने रिपोर्ट मांगी है। सूबे के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के निर्देश पर उनके प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति को इस बाबत पत्र भेज दिया है।
पत्र के अनुसार विश्वविद्यालय में किये जा रहे खर्च का मासिक ब्यौरा राजभवन को प्रत्येक माह की पांच तारीख तक अवश्य उपलब्ध करायें। वहीं इसके अलावा सभी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से पूछा किया गया है कि किस कारण से विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों से एसोसिएट प्रोफेसर, रीडर तथा प्रोफेसर के पदों पर प्रोन्नति के कई मामले वर्षों से लंबित है।