मिरर मीडिया : ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2023 कार्यक्रम के अंतर्गत अपने विचारों को व्यक्त करने हेतु दिल्ली पब्लिक स्कूल धनबाद के 36 शिक्षकों एवं 106 विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आभार पत्र भेजा है। बता दें कि प्रधानमंत्री की ओर से प्रेषित पत्र में शिक्षक – शिक्षिकाओं प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा गया कि परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक-शिक्षिकाओं से प्राप्त विचारों को जानकर प्रसन्नता हुई क्योंकि राष्ट्र और विद्यार्थियों के विकास में आपके विचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक प्रकाशपुंज के समान होते हैं, जो विद्यार्थियों को सपने देखना और उन सपनों को संकल्प में बदलकर उन्हें सिद्ध करना सिखाते हैं।
शिक्षक द्वारा सकारात्मकता और आत्मविश्वास का जो भाव छात्रों के व्यक्तित्व में निरूपित किया जाता है, वह जीवन भर उनका मार्गदर्शन करता है। आज बदलते समय के युवाओं के लिए खेल, तकनीक, नवाचार व स्टार्ट-अप समेत अनेक नए विकल्प उभरे है, जिसमे अनंत संभावनाएं हैं। ऐसे में हर विद्यार्थी को अपनी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करते हुए स्वयं तथा देश के लिए स्वप्न देखने और उसे पूरा करने के लिए प्रेरित करने में शिक्षकों द्वारा मूल्यवान मार्गदर्शन निर्णायक होगा।
अब से लेकर साल 2047 में देश को आजादी के शताब्दी वर्ष पर्यन्त एक भव्य और विकसित भारत के निर्माण का सौभाग्य हमारे प्रतिभाशाली युवाओंको मिला है। मुझे विश्वास है कि हमारे शिक्षक-शिक्षिकाएं युवाओं को अगले 25 वर्षों में अपने लक्ष्यों को राष्ट्र की उन्नति से जोड़ते हुए,देश व समाज के लिए जी-जान से कार्य करने हेतु प्रेरित करेंगे।
वहीं प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रेषित अपने पत्र में कहा कि आप जैसे युवा साथियों के विचारों को जानना- समझना हमेशा उत्साहजनक होता है।आज की युवा पीढ़ी की ऊर्जा, आत्मविश्वास और क्षमताओं को देखकर मुझे अत्यंत गर्व होता है। इस युवाशक्ति से हमारे देश की आशाएं और आकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं।युवाओं के सामने आज संभावनाओं और अवसरों के असीमित द्वार खुले हैं। प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, नवाचार, खेल-कूद, स्टार्ट-अप समेत जिस भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, उनके लिए सुविधाओं और संसाधनों की कोई कमी नहीं है।
अगले 25 वर्ष भारत का अमृत कालखंड है, जिसमें एक भव्य विकसित और समर्थ राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। यह 25 साल आपकी शिक्षा,आपके करियर, आपके व्यक्तित्व निर्माण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाले हैं। आप जैसे-जैसे अपने भविष्य को गढ़ते जाएंगे, उससे देश को भी नई दिशा मिलेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत की युवाशक्ति अपने व्यक्तिगत संकल्पों के साथ देश के संकल्पों को जोड़कर राष्ट्र को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।आप जीवन की हर परीक्षा में सफलता प्राप्त करें, इस विश्वास के साथ आपको उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
शिक्षक शिक्षिकाओं और विद्यार्थी को आभार पत्र के साथ समृद्ध भारत के लिए पंच प्राण पत्र भी प्रदान किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री जी ने समृद्ध भारत के लिए पंच प्राण –
1. विकसित भारत का विराट संकल्प
2.गुलामी की मानसिकता से मुक्ति
3. अपनी विरासत पर गर्व
4. एकजुटता को सुदृढ़ रखना
5. कर्तव्य निर्वहन को प्राथमिकता
का उल्लेख करते हुए विश्वास प्रकट किया कि अगले 25 वर्षों की अमृतकाल की यात्रा के साथ हम अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष में प्रवेश करेंगे। आइए हम सब मिलकर इस पूरे कालखंड को देश के लिए निर्णायक और अविस्मरणीय बनाए। इस संकल्प की सिद्धि के लिए पंचप्राण को अपनाते हुए हमें आगे बढ़ना है। ये पांच सिद्धांत हमारे भारतवर्ष को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
वहीं विद्यालय की प्राचार्य डॉ. सरिता सिन्हा ने प्रधानमंत्री जी की ओर से शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों को मिलने वाले आभार पत्र पर हर्ष और प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से भेजा क्या यह प्रोत्साहन पत्र निश्चित रूप से शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों को भविष्य में कर्तव्य निर्वहन हेतु प्रोत्साहित करेगा। आज शिक्षा से जुड़े हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है की हम शिक्षा को सकारात्मकता के साथ जोड़कर शिक्षा को नई दिशा और दशा प्रदान करें जिससे कि हमारे विद्यार्थी संकल्प से सिद्धि तक के मार्ग को तय कर सकें और एक भव्य एवं विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को साकार कर सकें।