झारखंड विस की लोक लेखा समिति ने की जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ हुए बैठक में लगभग 120 कंडीका पर की गई चर्चा
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मिरर मीडिया : झारखंड विधानसभा की लोक लेखा समिति ने आज सभापति सह खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा तथा सदस्य सह विधायक चंदन कियारी अमर कुमार बाउरी, सदस्य सह विधायक सिमडेगा नमन विक्शाल कोंगारी तथा सदस्य सह विधायक डाल्टनगंज आलोक कुमार चौधरी की उपस्थिति में जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक सर्किट हाउस में बैठक की।
बैठक देर शाम तक चली। बैठक समाप्त होने के बाद सभापति ने बताया कि ऑडिटर जनरल द्वारा विभाग के बजट के प्रावधान के अनुसार कार्य हुआ है या नहीं अथवा ऑडिटर जनरल के समझ में कार्य में जो छोटी बड़ी खामी नजर आती है, उसका इस समिति द्वारा अध्ययन किया जाता है।
उन्होंने बताया कि बैठक में लगभग 120 कंडीका पर चर्चा की गई। इसमें से कुछ मामलों को ड्रॉप किया जा सकता है। कुछ मामलों को उपायुक्त स्तर पर जांच करने के लिए कहा गया है।
समिति के सदस्य सह चंदन कियारी के विधायक अमर कुमार बाउरी ने बताया कि ऑडिटर जनरल द्वारा हर साल सभी योजनाओं में अनुशासन व फाइनेंशियल डिसिप्लिन रहे इसलिए ऑडिट किया जाता है। समिति द्वारा आज इसकी समीक्षा की गई।
सभापति ने बताया कि बैठक में मुख्य रूप से वित्तीय वर्ष 2007-08 में बिना सॉइल टेस्टिंग के डोलोमाइट खाद के वितरण पर चर्चा की गई। इसमें ऑडिटर जनरल ने यह टिप्पणी करते हुए आपत्ति दर्ज की थी कि सही खर्च नहीं हुआ है और राशि निष्फल गई है। इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी से लाभुकों की सूची उपलब्ध कराने को निर्देशित किया है।
वहीं नागार्जुन कंस्ट्रक्शन द्वारा पेयजलापूर्ति की पाइपलाइन बिछाने में 300 किलोमीटर का कैरेज कास्ट वहन करने को दर्शाया गया है। जिसे ऑडिटर जनरल ने निष्फल व्यय माना है। कंपनी ने ढाई से तीन करोड़ का एक्स्ट्रा भुगतान प्राप्त किया है। इसके लिए सत्यता की जांच करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा झारखंड विधानसभा की लोक लेखा समिति ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में जहां विद्यालयों में 293 शौचालय बनने थे वहां 182 शौचालय बने हैं। राशि मिलने के बाद भी शेष शौचालय क्यों नहीं बने, इसकी जांच करने का निर्देश दिया है।
जल आपूर्ति के लिए जुडको की धीमी प्रगति पर समिति ने असंतोष व्यक्त किया और जुडको से इस संबंध में पूछताछ की। जुडको ने बताया कि एनएचएआइ द्वारा एनओसी नही मिला है। समिति ने एनएचएआइ और नगर विकास विभाग को व्यक्तिगत रुचि लेकर बाधा दूर करने का निर्देश दिया। समिति ने कहा कि योजना में विलंब होने पर राज्य सरकार की अतिरिक्त राशि व्यय होगी और यह उसका दुरुपयोग माना जाएगा।
बैठक के दौरान समिति ने चिरुड़ीह परियोजना के संबंध में पीएचईडी को शेष 16 पानी टंकी के लिए शीघ्र टेंडर कर वहां पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, मेगा स्पोर्ट्स कंपलेक्स को हैंडोवर नहीं करने पर दोषी को चिन्हित कर दंडात्मक कार्रवाई करने, डेंगू की रोकथाम के लिए नगर आयुक्त को नियमित रूप से लार्वानाशी दवाई का छिड़काव करने, यदि फागिंग मशीन नहीं है तो जिला प्रशासन से फंड लेकर फागिंग मशीन से दवा छिड़काव करने, खुदिया नदी पर निम्न गुणवत्ता के बने पुल की जांच करने, धनबाद नगर निगम में 36 सड़कों का बाधित काम के लिए एसीबी से एनओसी लेने, वित्तीय वर्ष 2016-17 में जितने दुकानों का चयन हुआ था उसको उत्पाद विभाग ने चिन्हित नहीं किया जिस कारण 980 लाख रुपए के राजस्व की क्षति हुई इसके लिए जिम्मेवारी निर्धारित करने, जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवासीय विद्यालय की साफ सफाई करने का निर्देश दिया।
वहीं वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्वच्छता अभियान के दौरान कई बैंक खाता खोलने तथा खनन एवं सेल टैक्स विभाग में लक्ष्य के अनुरूप कम राजस्व प्राप्त होने पर समिति ने आपत्ति दर्ज की। बैठक शुरू होने से पहले उपायुक्त वरुण रंजन ने सभापति सहित समिति के सभी सदस्यों का स्वागत किया।
बैठक में सभापति सह खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, सदस्य सह विधायक चंदन कियारी अमर कुमार बाउरी, सदस्य सह विधायक सिमडेगा नमन विक्शाल कोंगारी, सदस्य सह विधायक डाल्टनगंज आलोक कुमार चौधरी, उपायुक्त वरुण रंजन, वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास पालीवाल, जिला योजना पदाधिकारी महेश भगत, जिला परिवहन पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह, जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सालकर, जिला खेल पदाधिकारी दिलीप कुमार सहित सभी विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।