जमशेदपुर : राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद जमशेदपुर पहुंचे और पिछड़ी जातियों से जुड़े कई मामले को लेकर परिसदन में जिला उपायुक्त विजया जाधव, उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद, एसडीएम धालभूम संदीप कुमार मीणा, अपर उपायुक्त सौरभ सिन्हा, एसडीएम घाटशिला सत्यवीर रजक व अन्य वरीय पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। आयोग के सदस्य ने पदाधिकारियों से यह जानना चाहा कि पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या का आंकड़ा जिले में संग्रहित है या नहीं, प्रखण्ड वार उन्हें डाटा उपलब्ध कराया गया। बैठक में प्रसाद ने ओबीसी, एससी, एसटी का जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र तुरंत निष्पादन करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रखंडवार में अब तक प्राप्त आवेदन, निर्गत प्रमाण पत्र व रद्द किए गए आवेदनों और उसके कारणों के संबंध में जाना। इस दौरान लगभग सभी अंचलाधिकारियों ने आवेदन के समय जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं होने के कारण आवेदन रद्द करने की बात कही। इस पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने अंचलाधिकारियों को कहा कि राज्य के भगौलिक स्थिति को समझना होगा। यहां के लोग काफी सीधे व सरल स्वभाव के हैं। अधिकारी, अधिकारी की तरह नहीं बल्कि सेवा भाव से काम करें। उन्होंने कहा कि जिन आवेदनों में कोई दस्तावेज अपूर्ण है, उसके आवेदक से संपर्क कर दस्तावेज की मांग करें और उसका प्रमाण पत्र निर्गत करें। समीक्षा क्रम में उन्होंने जानकारी ली कि समय पर आवासीय और जाति प्रमाण पत्र बनता है या नहीं। इस पर अंचलाधिकारियों ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र ससमय निर्गत किया जाता है। सभी अंचल अधिकारियों ने इस बाबत अपनी-अपनी रिपोर्ट भी सौंपी।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने कल्याण विभाग द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना के प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने इसका प्रचार–प्रसार कराने का निर्देश दिया। राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के जाति–आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए संचालित अभियान की प्रगति की भी जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त की। उन्होंने जिले के पिछड़े वर्गों को केसीसी, पीएम आवास, अंबेदकर आवास आदि योजनाओं में क्या स्थिति है इसकी भी समीक्षा की और जरूरी दिशा–निर्देश दिए।
बता दें कि झारखंड राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से ओबीसी वर्ग ने आयोग को आवेदन दिया है और बताया है कि ओबीसी का आवासीय जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बनने के कारण सरकारी नौकरी व विद्यालय, महाविद्यालय के नामांकन के लिए जो विज्ञापन निकलता है, उसमें पिछड़ी जाति के लोग और छात्र-छात्राएं समय पर आवेदन नहीं कर पाते हैं। इससे नौकरी और नामांकन से पिछड़ी जाति के लोग वंचित रह जाते हैं। इसलिए उन्होंने इस कार्य को अंचलाधिकारियों से गंभीरता से लेने और लंबित आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने की बात कही। उन्होंने कई जरूरी दिशा–निर्देश दिया।