FIR से लेकर कोर्ट के फैसले तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन : भारत की संप्रभुता, अखंडता और एकता के खिलाफ जाने वाले को देशद्रोही : पढ़े तीनों कानून का उद्देश्य

Uday Kumar Pandey
5 Min Read

भारतीय आत्मा से बनाए गए ये तीनों कानून का उद्देश्य दंड नहीं न्याय देने है

मिरर मीडिया : भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को राज्यसभा में पारित कर दिया गया है। तीनों विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा क‍ि भारतीय आत्मा से बनाए गए ये तीन कानून जब संसद से पारित हो जाएंगे तो भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत होगी, जो पूरी तरह से भारतीय होगी। पहली बार भारतीय आत्मा वाले इन तीन कानूनों के माध्यम से हमारी आपराधिक न्याय व्यवस्था भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाई गई व्यवस्था से संचालित होगी।

कानूनों के नाम नहीं बदले हैं, उसके उद्देश्य के अंदर अमूल चूल परिवर्तन भी किया गया है। जिन तीनों बिलों का उद्देश्य दंड देने का नहीं है, न्याय देने का है।

👉🏻 इन कानूनों के लागू होने के बाद एफआईआर से लेकर कोर्ट के फैसले तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी और भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में आधुनिक तकनीक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाला देश बन जाएगा।

👉🏻 इन कानूनों में 2027 तक जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर और देशभर के सभी मामलों के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने का भी प्रावधान किया गया है।

👉🏻 भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। इन तीनों कानूनों को 1957 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था, जिसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा करना था। इसमें कहीं भारत के नागरिक की सुरक्षा, उसके सम्मान और मानव अधिकार की सुरक्षा कहीं नहीं थी।

👉🏻 गृहमंत्री ने बताया क‍ि भारत की संप्रभुता, अखंडता और एकता के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा उसे देशद्रोही माना जाएगा। ‘सरकार’ की जगह ‘भारत’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा।

👉🏻 अमित शाह ने कहा क‍ि हमने राजद्रोह के अंग्रेजी कांसेप्ट को समाप्त कर दिया है। अब शासन के खिलाफ कोई भी बोल सकता, क्योंकि सभी को वाणी स्वतंत्रता का अधिकार है लेकिन देश के खिलाफ आप नहीं बोल सकते हो, देश के खिलाफ बोलोगे, देश के संसाधनों का नुकसान करोगे तो कठोर से कठोर सजा मिलेगी। अम‍ित शाह ने कहा क‍ि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार के खिलाफ कोई कुछ भी बोल सकता है, लेकिन देश के झंडे, सुरक्षा और संपत्ति से कोई खिलवाड़ करेगा तो जेल जाएगा।

👉🏻 अमित शाह ने कहा क‍ि अब बम, डायनामाइट, विस्फोटक पदार्थों, ज़हरीली गैस और परमाणु हथियारों के उपयोग के लिए बनाने, बेचने और उपयोग करने वालों को आतंकी कहा जाएगा।

👉🏻 स्वराज का मतलब स्वशासन नहीं, बल्कि स्वधर्म, स्वभाषा, स्वसंस्कृति और स्वशासन की स्थापना करना है, 2014 से नरेंद्र मोदी ने देश की महान आत्मा को जगाया है, जिससे आज भारत का उत्थान हो रहा है। स्वराज मतलब है: जो धर्म को आगे बढ़ाए वह स्वराज है। जो स्व भाषा को आगे बढ़ाए वह स्वराज है। जो स्व संस्कृति को आगे बढ़ाए वह स्वराज है। जो स्व शासन को आगे बढ़ाए वह स्वराज है।

इन कानूनों के पूरी तरह से लागू होने के बाद तारीख पर तारीख देने का चलन खत्म हो जाएगा और देश में एक ऐसी न्यायिक व्यवस्था स्थापित हो जाएगी जो तीन साल के भीतर न्याय देगी। इन विधेयकों के संसद से पारित होने के बाद हमारी आपराधिक न्याय व्यवस्था 19वीं सदी को छोड़कर 2 सदी का सफर तय कर सीधे 21वीं सदी में प्रवेश कर जाएगी।

अम‍ित शाह ने कहा क‍ि हमने संगठित अपराध के लिए एक नई व्याख्या जोड़ी है। छोटे अपराधों और पहली बार किए गए अपराधों के लिए जेल के बजाय सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पुलिस, वकील और कोर्ट के लिए समय सीमा तय कर न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है।

Share This Article
Follow:
मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *