डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट लेने के लिए उमड़ी भीड़ में भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। घटना के चश्मदीदों ने प्रशासनिक अव्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए। एक महिला ने बताया कि टिकट वितरण के लिए पहले से कोई प्रबंधन नहीं किया गया था। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने दरवाजा खोला, लोग टिकट लेने के लिए टूट पड़े।
परिवार के 20 सदस्य घायल, महिलाओं को ज्यादा चोटें
घटनास्थल पर मौजूद महिला ने बताया कि उसके परिवार के 20 सदस्य लाइन में थे, जिनमें से 6 घायल हो गए। उन्होंने कहा, हम सुबह 11 बजे से कतार में खड़े थे। इंतजार के दौरान हमें दूध और बिस्किट दिया गया। लेकिन जैसे ही टिकट वितरण शुरू हुआ, पुरुषों की भीड़ बेकाबू हो गई और महिलाओं को चोटें आईं। घायल महिलाओं का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मृतक महिला के पति ने बयां की दर्दभरी कहानी
हादसे में जान गंवाने वाली महिला मल्लिका के पति ने कहा कि उनकी पत्नी और अन्य लोग टिकट खरीदने की कोशिश कर रहे थे, तभी भगदड़ मच गई। उन्होंने बताया, इस हादसे में मेरी पत्नी की मौत हो गई। मैंने अपने रिश्तेदारों को सूचना दी है, वे तिरुपति पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, अधिकारियों पर असंतोष
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू घटना पर करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मिलने का आश्वासन दिया है। स्टेटमेंट में कहा गया, यह हादसा बेहद दुखद है। 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। अब तक केवल एक की पहचान हो पाई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त की है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
प्रशासन की लापरवाही से बड़ा सवाल
इस हादसे ने तिरुपति जैसे धार्मिक स्थल पर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं ने प्रशासन से उचित व्यवस्था की मांग की है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।