मिजिल्स रुबेला संक्रमण की रोकथाम के लिए अप्रैल के दूसरे सप्ताह से शुरू होगा एमआर अभियान

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9 माह से 15 वर्ष तक के आठ लाख से अधिक बच्चों को वैक्सीन देने का लक्ष्य

अभियान के दौरान सभी बच्चों को टीका लगवाने की जिला प्रशासन ने की अपील

मिरर मीडिया : मिजिल्स रुबेला संक्रमण की रोकथाम के लिए उपायुक्त संदीप सिंह की अध्यक्षता में आज एमआर अभियान को लेकर बैठक आयोजित की गई।

इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि भारत सरकार ने इस वर्ष मिजिल्स रूबेला के उन्मूलन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। यह अभियान अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में शुरू होगा। जिसमें 9 महीने से लेकर 15 साल तक के जिले के लगभग आठ लाख से अधिक बच्चों का एमआर टीकाकरण निर्धारित है।

उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान सभी स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य संस्थान में टीकाकरण किया जाएगा। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, सभी पंचायती राज संस्थान एवं एनजीओ से सहयोग अपेक्षित है।

शहरी क्षेत्र में गैर सरकारी स्कूल में सफलतापूर्वक टीकाकरण करने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक सभी स्कूल से बच्चों की लक्षित संख्या समय पर उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए सभी स्कूलों में एक बार पैरंट टीचर मीटिंग भी करा दी जाए। जिससे अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को टीका दिया जा सके।

शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग माइक्रो प्लान बनाकर और प्रचार प्रसार से अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाएं।

बैठक में उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि अभियान की तैयारी करने के लिए अभी पर्याप्त समय है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं एमओआईसी स्वयं माइक्रो प्लान तैयार करें जिससे कोई बच्चा छूटे नहीं। साथ ही प्रखंड में मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों का सहयोग ले।

बैठक में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के डॉक्टर अमित कुमार ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका लगाया जाएगा। अगर बच्चे ने पहले भी टीका लिया है तो भी उसे टीका दिया जाएगा। कहा खसरा रोग के सफाई तथा रूबेला को नियंत्रित करने के लिए बच्चों को यह टीका दिया जाना अत्यंत आवश्यक है।

साथ ही बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है। यह वायरस द्वारा फैलता है। इसके कारण बच्चों में दिव्यांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। वहीं रूबैला भी एक संक्रामक रोग है। यह भी वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं। यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है जो उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

उन्होंने कहा खसरा रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा।

बैठक में उपायुक्त संदीप सिंह, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डॉक्टर अमित कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी भूतनाथ रजवार सहित नगर निगम, माडा, टाटा सेंट्रल हॉस्पिटल, नेहरू युवा मंच, शहर के विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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