पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा के कारण 133 लोगों ने अपनी जान के डर से असम में मांगी शरण: हिमंत बिस्वा

Anupam Kumar
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मिरर मीडिया : पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव में हुए दंगे को लेकर आरोप –प्रत्यारोप का दौर जारी है।
वहीं अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बयान जारी कर कहा है कि बंगाल में पंयाचत चुनाव की तारीख के एलान के बाद से ही हिंसा देखने को मिली। मतदान के दिन 8 जुलाई को भी कई जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई। इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई। बंगाल में हुई हिंसा के कारण कई लोगों में डर का माहौल है। इसी डर के कारण कई लोग पड़ोसी राज्य असम में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं।
आगे उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा के कारण 133 लोगों ने अपनी जान के डर से असम के धुबरी जिले में शरण मांगी है | शरण मांगने वाले लोगों को हमने एक राहत शिविर में आश्रय के साथ-साथ भोजन भी उपलब्ध कराया है। साथ ही उन्हें चिकित्सा की सहायता भी दी।
बता दें कि पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नॉर्थ ब्लॉक में सोमवार को मुलाकात की। बताया जा रहा है कि हिंसा को लेकर राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ भी मुलाकात की। मुलाकात के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि यह सुबह से ठीक पहले के घने अंधेरे का वक्त है, जल्द ही उजाला होगा। एकमात्र संदेश जो मुझे आज मिल सकता है वह यह है कि हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। आने वाले दिनों में अच्छा होगा।
वहीं हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए कई पंचायतों पर सोमवार को दुबारा से वोटिंग करवाई है । वोटों की गिनती मंगलवार को सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। शुरुआती रुझानों में तृणमूल अन्य दलों से काफी आगे चल रही है। मतगणना के दिन भी जगह-जगह से हिंसा की खबरें आ रही हैं।

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