मिरर मीडिया : झारखंड में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, अवैध लेनदेन के लिए विभिन्न तरह के कोड पर काम करने की बात का ख़ुलासा हुआ है। बता दें कि झारखंड में पिछले कुछ वर्षो का आंकलन किया जाए तो झारखंड में सरकार के अफसरों, पदाधिकारियों, सफ़ेद नकाबपोशों और सत्ता के गलियारों में सक्रिय बिचौलियों ने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और नाजायज लेन-देन के लिए तरह-तरह के कोड बना रखे हैं।
खबर के अनुसार झारखंड में अलग-अलग मामलों की जांच कर रही ईडी ने ऐसे कई कोड वर्ड डिकोड किए हैं। इस लिहाज से लाख की रकम की अगर लेन-देन है तो इसके लिए फाइल कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं अगर रकम करोड़ में हुई तो इसे कोड वर्ड में फोल्डर बोला या लिखा जाता है।
ईडी ने राज्य में उच्च पदों पर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए लाखों-करोड़ों की लेनदेन से जुड़े व्हाट्सएप चैट के कई ब्योरे जुटाए हैं और इसकी सूचना राज्य सरकार से साझा करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है।
ईडी ने व्हाट्सएप चैटिंग के ऐसे ही ब्योरों के आधार पर राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को भ्रष्टाचार और टेंडर में गड़बड़ियों का आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ राज्य सरकार को कार्रवाई करने को कहा है।
गौरतलब है कि राज्य में अवैध माइनिंग स्कैम से जुड़े मामलों की ईडी ने जांच में दलाली और बिचौलियागिरी करने वाले कई चेहरे बेनकाब हुए। जांच में विशाल चौधरी का नाम सामने आया जिसमें पता चला कि वह राज्य के सीनियर अफसरों के लिए अवैध वसूली करता है। ईडी ने विशाल चौधरी के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई डिजिटल डिवाइस और डेटा बरामद भी किए गए।
जांच में पता चला कि विशाल चौधरी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर टेंडर, ट्रांसफर-पोस्टिंग की डील करता है और अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा सीएम के तत्कालीन प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के साथ साझा करता है। विशाल चौधरी के व्हाट्सअप चैट से भी इसका खुलासा हुआ है।
इसके पहले झारखंड की आईएएस पूजा सिंघल के घोटाले से जुड़े मामलों की जांच के दौरान भी ईडी ने खुलासा किया था अवैध वसूली की राशि एक-दूसरे को ट्रांसफर करने के दौरान अफसर और वसूलीबाज लाख रुपए के लिए ‘किलो’ कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे।
किसी अफसर ने दूसरे को अवैध वसूली के अगर 10 लाख रुपए भेजे तो इसके कन्फर्मेशन के लिए जो मैसेज भेजा जाता था, उसमें लिखा होता था 10 किलो भेजा। पैसे पाने वाला अफसर भी इसी तरह जवाब देता था- 10 किलो मिला या 5 किलो प्राप्त हुआ।