मिरर मीडिया : अल्पसंख्यक स्कूल अभय सुंदरी बालिका उच्च विद्यालय धनबाद में एक लिपिक जयंत मिश्रा की नियुक्ति अवैध तरीके से करने के मामले में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी माधुरी कुमारी के ऊपर राज्यपाल के द्वारा जाँच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि अब उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार माधुरी कुमारी के ऊपर अपने कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यक स्कूल अभय सुंदरी बालिका उच्च विद्यालय धनबाद में एक लिपिक जयंत मिश्रा की नियुक्ति अवैध तरीके से करने का आरोप सिद्ध हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जयंत मिश्रा, माधुरी कुमारी के कार्यकाल में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय धनबाद में प्रति नियोजित लिपिक शशिकांत मिश्रा के पुत्र हैं। माधुरी कुमारी के द्वारा विभागीय आदेश की अवहेलना कर यह नियुक्ति की गई है।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा माधुरी कुमारी के खिलाफ पपत्र “क” का गठन कर दिया गया है। इस प्रपत्र में लगाए गए आरोप की जांच के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी रमेश दुबे को जांच पदाधिकारी तथा स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के अपर सचिव विश्वनाथ झा को विभाग की ओर से उप-स्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। कमेटी को जल्द जांच रिपोर्ट भी सौंपने को कहा गया है। माधुरी कुमारी को भी अपना पक्ष कमिटी के समक्ष रखने के लिए कहा गया है। बता दें कि माधुरी कुमारी अप्रैल 2021 में देवघर से जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं।
माधुरी कुमारी ने अभय सुंदरी बालिका उच्च विद्यालय धनबाद में लिपिक के पद पर चयानित मिश्रा की नियुक्ति जिला अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, धनबाद के पद पर रहते हुए की थी हालांकि इस नियुक्ति को जांचोंपरांत अवैध बताते हुए तत्कालीन उपायुक्त प्रशांत कुमार ने रद्द करने की अनुशंसा अप्रैल 2014 में तत्कालीन निदेशक माध्यमिक शिक्षा से की थी, साथ ही उन्होंने उनसे जिला में संबंधित पदाधिकारियों को उचित करवाई करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध भी किया था। इसके पश्चात निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय को अक्टूबर 2014 में नियुक्ति को रद्द करने के आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन धर्मदेव राय के तबादले के बाद 2016 में माधुरी कुमारी धनबाद की जिला शिक्षा पदाधिकारी बनी एवम सितंबर 2016 में पूर्ववर्ती डीईओ के इस संबंध में जारी आदेश को वापस ले लिया। इसके पश्चात उन्होंने इस नियुक्ति को वैध बताते हुए मामले को निष्पादित कर दिया था।
जांच में माधुरी कुमारी द्वारा अपने पूर्ववर्ती पदाधिकरी के आदेशों को अपने स्तर से निष्पादित किया जाना गलत माना गया है इस मामले में उन्हें अपने वरिय अधिकारियों से संचिका के साथ मंतब्य लेने की आवश्यकता थी जो उन्होंने नहीं किया इसके साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपी लिपिक शशिकांत मिश्रा का प्रतिनियोजन फिर से अपने कार्यालय में कर दिया था जबकि उनके पूर्ववर्ती डीईओ ने शशिकांत का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया था। शशिकांत मिश्रा पर अपने पुत्र जयंत मिश्रा को अभय सुंदरी स्कूल में लिपिक पद पर अवैध नियुक्ति के आरोप थे शशिकांत मिश्रा नियम विरुद्ध अपने पुत्र के नियुक्ति से संबंधित संचिका को डील कर रहे थे।
बहरहाल पूरे मामले पर जिस तरह से तथ्य सामने आए है एवम तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी माधुरी कुमारी के ऊपर पपत्र क का गठन करने के आदेश जारी किए गए हैं उस पर शिक्षा विभाग के ऊपर सवाल खड़े कर दिए हैं,सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि वित्तीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों में कर्मचारियों के नियुक्ति से संबंधित संचिका एवम प्रक्रिया की इमानदारी से जांच की गई तो बड़े पैमाने पर नियुक्ति का गोरखधंधा उजागर होने से इंकार नहीं किया जा सकता है एवं बड़े-बड़े पदाधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हो सकती है,साथ ही वैसे कर्मचारियों के ऊपर भी कार्यवाही करने की जरूरत है जिनकी नियुक्ति अवैध की गई है ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लग सके।