डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसा का दौर जारी है।हजारों छात्रों ने राजधानी ढाका पर कब्जा कर लिया और भारी तोड़फोड़-आगजनी की है। वहीं,मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेशी संसद आज भंग होने वाली है। एक दिन पहले ही शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।
बांग्लादेश की स्थिति पर संसद में बोलें विदेश मंत्री
इसी बीच बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है। बहुत कम समय में उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी मांगी। वे कल शाम दिल्ली पहुंचीं।
अल्पसंख्यकों पर हुए सबसे ज्यादा हमले: एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से वहां टेंशन है। बंग्लादेश में हिंसा जून-जुलाई में शुरू हु़ई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे। कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बंग्लादेश में हालात नहीं सुधरे और शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा।4 अगस्त को सबसे ज्यादा हालात बिगड़े। सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, जो चिंता का विषय है।
अल्पसंख्यकों की स्थिति रखी जा रही है निगरानी: विदेश मंत्री
एस जयशंकर ने आगे कहा कि हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। वहां अनुमानित 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं। जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा पहल की खबरें हैं। स्वाभाविक रूप से हम कानून और व्यवस्था बहाल होने तक गहराई से चिंतित रहेंगे। इस जटिल स्थिति के समय सीमा सुरक्षा बलों को असाधारण रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। पिछले 24 घंटों में हम ढाका में अधिकारियों के संपर्क में हैं।
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