मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: रविवार को सिंदरी बस्ती के लोगों ने दुर्गा मंदिर प्रांगण में एक प्रेस वार्ता आयोजित की। स्थानीय निवासियों का कहना है कि एफसीआई से विस्थापित होने के बाद से उन्हें आज तक कोई भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इसी कारण 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया गया था, लेकिन जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद लोगों ने मतदान किया।
चुनाव के दिन सिंदरी के एसडीपीओ, धनबाद शाखा के डीएसपी शंकर कामती, बलियापुर के बीडीओ सह एआरओ, और सिंदरी थाना प्रभारी की उपस्थिति में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें हर्ल प्रबंधन के एचआर संत सिंह ने पीने के पानी की सुविधा, संविदा पर जमीन दाता के बेरोजगार युवकों को रोजगार, और सीएसआर फंड के तहत विकास कार्य कराने पर सहमति जताई थी।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के चार महीने बीत जाने के बाद भी किसी समस्या पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। इस संबंध में जिला प्रशासन को भी सूचित किया गया है। अपर समाहर्ता बिनोद कुमार ने हर्ल प्रशासन को पत्र लिखा है, लेकिन हर्ल प्रबंधन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। जब भी उनसे संपर्क किया जाता है, टालमटोल किया जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन पर उन्हें भरोसा है, और कल समाहर्ता ने हर्ल प्रबंधन और ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया है। मतदाताओं में आक्रोश और निराशा है, और अगर मूलभूत सुविधाओं पर कोई काम नहीं हुआ तो आगामी चुनाव में क्या करेंगे, इस पर असमंजस की स्थिति है। ग्रामीणों का कहना है कि आगे का निर्णय आम सहमति और वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा।
इसके साथ ही, ब्लॉक स्तर पर पेंशन, जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र जैसे कार्यों में भी संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है।
वार्ता में भक्ति पड़ा पॉल, भोलानाथ रजवार, मेघनाथ गोराई, दिनबंधु रजवार, सुबहनकर पॉल, प्रवीण मल्लिक, मानिक, संजय पॉल, आलोक चौधरी, और कालीपड़ा मल्लिक उपस्थित थे।